मुनीर नियाज़ी के बेहतरीन शेर
Munir Niazi Shayari ~ 1. शहर की गलियों में गहरी तीरगी गिर्यां रही रात बादल इस तरह आए कि मैं तो डर गया 2. दिल अजब मुश्किल में है अब अस्ल रस्ते की तरफ़ याद पीछे खींचती है आस आगे की तरफ़ 3. किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते सवाल सारे ग़लत थे … Read more