Saadat Hasan Manto Biography ~ आज एक मेसेज मेरे पास आया, उस मेसेज में ये बताने की कोशिश की गयी है कि उर्दू के मशहूर कहानीकार मंटो की पैदाइश लोग भूल गए हैं. गोया ये बात सच भी है लेकिन शायद नहीं भी है. ब-तारीख़ हम भूल भी गए हों लेकिन मंटो हमारे आस पास ही है, मेरे आपके, हम सबके अन्दर है. मंटो की शख्सियत के ख़त्म होने का दावा कोई नहीं कर सकता, वो ज़िंदा है… मंटो ज़िंदा है.. !
उर्दू के मशहूर अफ़साना-निगार सआदत हसन मंटो का जन्म आज ही के रोज़ हुआ था. उर्दू कहानीकारों में मंटो से बड़ा नाम कोई नहीं है. सआदत हसन मंटो की पैदाइश 11 मई 1912 को लुधियाना ज़िले के समराला शहर में हुई.21 साल की उम्र में उनकी मुलाक़ात अब्दुल बारी से हो गयी, इस दौरान उन्होंने रूसी और फ़्रांसीसी लेखकों को पढ़ा. मुल्क के बंटवारे के बाद मंटो पाकिस्तान में जा बसे. लाहौर में उन्हें फ़ैज़, अहमद नदीम क़ासमी और नासिर काज़मी जैसे लोगों का साथ मिला. लाहौर के मशहूर पाकिस्तान टी हाउस में इन लोगों की अक्सर बैठकें होने लगीं . पाकिस्तान टी हाउस ने उस वक़्त की यादों को समेटा हुआ है.