घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का तीसरा भाग

Satyajeet Ray Kahaani

Satyajeet Ray Kahaani कॉर्वस- सत्यजीत रे घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का पहला भाग घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का दूसरा भाग भाग- 3 (अब तक आपने पढ़ा..सत्यजीत रे इस कहानी में एक वैज्ञानिक की डायरी की प्रविष्टियाँ हमें पढ़ा रहे हैं। यहाँ वैज्ञानिक बचपन से अपने … Read more

घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का दूसरा भाग

Satyajeet Ray Kahani

Satyajeet Ray Kahani कॉर्वस- सत्यजीत रे घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का पहला भाग भाग- 2 (अब तक आपने पढ़ा..एक वैज्ञानिक अपनी कहानी बयान कर रहे हैं। वो बताते हैं कि किस तरह उन्हें बचपन से पक्षियों में दिलचस्पी हुआ करती थी और वो उनके साथ को महसूस किया करते थे। … Read more

घनी कहानी छोटी शाखा: सत्यजीत रे की कहानी “कॉर्वस” का पहला भाग

Satyajeet Ray Ki Kahani

Satyajeet Ray Ki Kahani कॉर्वस- सत्यजीत रे भाग- 1 15 अगस्त परिन्दों में मेरी दिलचस्पी बहुत पुरानी है। बचपन में हमारे घर एक पालतू मैना हुआ करती थी और मैंने उसे सौ से भी ज्यादा बांग्ला शब्द सिखा दिए थे। तब मेरा ख़याल यह था कि पक्षी कभी कभार जिन शब्दों का ‘उच्चारण’ कर लिया … Read more

घनी कहानी छोटी शाखा में बालकृष्ण भट्ट की कहानी ‘पंच महाराज’

Bal Krishna Bhatt Kahani

Bal Krishna Bhatt Kahani माथे पर तिलक, पाँव में बूट अचकन और पायजामा के एवज में कोट और पैंट पहने हुए पंच जी को आते देख मैं बड़े भ्रम में आया कि इन्‍हें मैं क्‍या समझूँ पंडित या बाबू या लाला या क्‍या? मैंने विचारा इस समय हिकमत अमली बिना काम में लाए कुछ निश्‍चय … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: चिनुआ अचेबे की कहानी “बंद राहें” का अंतिम भाग

Chinua Achebe Hindi

Chinua Achebe Hindi बंद राहें चिनुआ अचेबे भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा..मायकल ओबी को बहुत कम उम्र में ही नड्यूम केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य का पद मिलता है क्यूँकि उस विद्यालय को आगे बढ़ाने के लिए संस्था को ओबी की तरह के युवा और उत्साह से भरे व्यक्ति की आवश्यकता थी। ओबी भी इस मौक़े … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: चिनुआ अचेबे की कहानी “बंद राहें” का पहला भाग

Chinua Achebe Hindi Kahani

Chinua Achebe Hindi Kahani बंद राहें भाग-1 माइकल ओबी की इच्छा उम्मीद से पहले ही पूरी हो गयी थी। जनवरी 1949 में नड्यूम केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य के पद पर उसकी नियुक्ति हो गयी। स्कूल चलाने वाली संस्था ने किसी नौजवान और ऊर्जा से भरे व्यक्ति को यहाँ भेजने का विचार किया था क्योंकि ये … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “तानसेन” का अंतिम भाग

Jay Shankar Prasad Tansen

Jay Shankar Prasad Tansen तानसेन- जयशंकर प्रसाद घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “तानसेन” का पहला भाग भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा…प्रकृति के घनी ख़ूबसूरती के बीच जा रहा एक पथिक प्यास से व्याकुल हो जल ढूँढना चाहता है और उसे घने वृक्षों के बीच एक जलस्थान मिल भी जाता है। लेकिन वहाँ … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की कहानी “तानसेन” का पहला भाग

Jayshankar Prasad Kahani Tansen

Jayshankar Prasad Kahani Tansen तानसेन- जयशंकर प्रसाद भाग-1 यह छोटा सा परिवार भी क्या ही सुन्दर है, सुहावने आम और जामुन के वृक्ष चारों ओर से इसे घेरे हुए हैं। दूर से देखने में यहाँ केवल एक बड़ा-सा वृक्षों का झुरमुट दिखाई देता है, पर इसका स्वच्छ जल अपने सौन्दर्य को ऊँचे ढूहों में छिपाये … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की कहानी “विलासी” का अंतिम भाग

Sharatchandra ki Kahani Vilaasi

Sharatchandra ki Kahani Vilaasi : विलासी- शरतचंद्र चट्टोपाध्याय घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की कहानी “विलासी” का पहला भाग भाग- 2 (अब तक आपने पढ़ा….किसी गाँव के लड़के की डायरी के पन्नों से गाँव की एक कहानी चल निकली है। उस लड़के का नाम लेखक ने न्याड़ा रखा, जिसका अर्थ है जिसके बाल मुड़े … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की कहानी “विलासी” का पहला भाग

Sharatchandra ki Kahani Vilasi

Sharatchandra ki Kahani Vilasi : विलासी- शरतचंद्र चट्टोपाध्याय भाग- 1 पक्का दो कोस रास्ता पैदल चलकर स्कूल में पढ़ने जाया करता हूँ। मैं अकेला नहीं हूँ, दस-बारह जने हैं। जिनके घर देहात में हैं, उनके लड़कों को अस्सी प्रतिशत इसी प्रकार विद्या-लाभ करना पड़ता है। अत: लाभ के अंकों में अन्त तक बिल्कुल शून्य न … Read more