ग़ज़ल शायरी मीर की ग़ज़ल- ‘देख तो दिल कि जाँ से उठता है’ साहित्य दुनिया Meer Ki Shayari देख तो दिल कि जाँ से उठता है ये धुआँ सा कहाँ से उठता है गोर किस…