फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की शायरी
Faiz Ahmed Faiz Shayari 1. दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के, वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Faiz Ahmed Faiz Shayari 1. दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के, वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के…