कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता …. निदा फ़ाज़ली
Nida Fazli Ki Shayari कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता तमाम शहर में…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Nida Fazli Ki Shayari कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता तमाम शहर में…