Vatayan Review ~ किताब दुनिया में आज हम जिस किताब की बात करने वाले हैं वो किताब है लघु कहानी संग्रह वातायन। राजुल अशोक (Rajul Ashok) की इस किताब में कुल 15 कहानियाँ हैं। इन कहानियों में जहाँ आम जीवन की झलक मिलती है वहीं नाटकीय मोड़ से सभी कहानियाँ कोसों दूर हैं। कहानियों की एक ख़ास बात ये भी है कि कहानियों का अंत बिलकुल नया है, जी हाँ..हर रोज़ न जाने कितनी ही कहानियाँ हम पढ़ते हैं और धीरे-धीरे हमारे मन में कहानियों की शुरुआत से ही उनका एक अंत बनने लगता है ऐसे में जब वातायन की कहानियाँ सामने आयीं तो जिस तरह। के अंत की कल्पना हुई कहानियाँ उससे बिलकुल अलग मोड़ लिए हुई थीं। (वातायन की समीक्षा)
वातायन की कहानियों में स्त्रियों के कई पहलू भी हमारे सामने आते हैं, जहाँ एक ओर घर सम्भालने को आतुर स्त्री नज़र आती है वहीं स्त्री का परिपक्व रूप भी हमें दिखता है। इन कहानियों में एक ख़ास बात ये भी है कि कहानी की नायिकाएँ सिर्फ़ हार मानकर या अपनी स्थिति में सामंजस्य ही नहीं बिठातीं, वो आवाज़ उठाती हैं और अपने विरोध का स्वर दर्ज करती हैं। ये कहानियाँ आपको सोचने पर मजबूर करती हैं कि समाज में किस तरह से हम अपने आप को रख सकते हैं।
आम जीवन की वो न बोली गयी बातें, न सुने गए क़िस्से, कहीं चुप कोने में छुपी यादें, मन की परतों में छुपे आहत पलों की गठरी सभी कहानियों के रूप में बाहर आते हैं। तरह-तरह की आम जीवन की स्थिति को इतनी सहजता से प्रदर्शित किया गया है कि इन कहानियों को पढ़ते हुए अपने और आसपास के लोगों की कितनी ही बातें नज़रों के सामने घूम जाती हैं। इन कहानियों को पढ़ते हुए आप अपने आसपास मौजूद कई लोगों को शायद बेहतर ढंग से समझ पाएँगे।
कहानियों के बारे में ज़्यादा न बताते हुए भी हम एक कहानी का ज़िक्र करना चाहते हैं वो कहानी है “वो सपना अधूरा रह गया”..दरअसल ये कहानी अगले उपन्यास टूटे तारे की झलक के तौर पर प्रस्तुत की गयी है और इससे अगली किताब को लेकर उत्सुकता बढ़ गयी। कहानी संग्रह वातायन की कहानियाँ आपको कैसी लगीं ये आप इस कहानी संग्रह को पढ़कर हमें बताइएगा। हम जल्द ही हाज़िर होंगे किताब दुनिया के साथ।
~ Vatayan Review