Urdu Shabd Gham Gam कुछ ऐसे लफ़्ज़ हैं जो हमारी ज़िन्दगी का अहम् हिस्सा हैं और लगभग रोज़ हम इनका इस्तेमाल करते हैं.कुछ इसी तरह के पाँच अलफ़ाज़ लेकर हम आज उनके बोलने के तरीक़े पर बात करेंगे. ये पाँच अलफ़ाज़ हैं- फिर, ग़म, मिज़ाज, ग़ज़ब, और ग़लत.
फिर (پھر) – लफ़्ज़ ‘फिर’ को अधिकतर आबादी फ़िर पढ़ती है जबकि इसका सही उच्चारण ‘फ़िर’ नहीं ‘फिर’ है. इसमें ध्यान देने की बात है कि फ के नीचे कोई नुक़ता (बिंदी) नहीं है. फ (बग़ैर बिंदी का) होने की सूरत में आवाज़ बिलकुल वैसी निकलती है जैसी ‘प’ और ‘ह’ को मिला कर एक साथ पढ़ने पर आएगी. ऐसे में इसका उच्चारण फ़िर (Fir) नहीं होगा,‘फिर'(Phir) होगा.
ग़म (غم) – ग़म का अर्थ होता है दुःख. इस लफ़्ज़ को अक्सर लोग ‘गम’ बोलते मिल जाते हैं. इसमें ग के नीचे बिंदी (नुक़ता) लगी हुआ है और इसलिए इसका उच्चारण करते समय विशेष ध्यान रहे, इसका उच्चारण “ग़म” (Gham) होता है. Urdu Shabd Gham Gam
मिज़ाज (مزاج) -मिज़ाज का अर्थ होता है स्वभाव. इस लफ़्ज़ का अक्सर लोग ग़लत उच्चारण करते हैं. इसे कुछ लोग मिजाज बोलते हैं तो कुछ ऐसे हैं जो मिजाज़ बोलते हैं..दोनों ही के बोलने वालों की तादाद बहुत है लेकिन दोनों ही ग़लत हैं. इसका सही उच्चारण मिज़ाज (Mizaaj) है.
ग़ज़ब (غضب) – ग़ज़ब का अर्थ है ग़ुस्सा,क्रोध. इस लफ़्ज़ का उच्चारण अक्सर कर के लोग गजब या गज़ब करते हैं जबकि ये ग़लत है, सही उच्चारण ग़ज़ब (Ghazab) है.
ग़लत (غلط) – ग़लत का अर्थ है अनुचित. इस लफ़्ज़ का उच्चारण अक्सर कर के लोग ‘गलत’ करते हैं और कुछ तो ऐसे भी हैं जो इसका उच्चारण ‘गल्त’ भी करते हैं जबकि सही उच्चारण ग़लत(Ghalat) है.