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ननकू के क़िस्से

ननकू, रसगुल्ला और चीकू, माँ- पापा के साथ नानी के घर से निकल गए हैं मौसी दादी के घर, जहाँ दादी कर रहीं हैं उनका इंतज़ार। पापा और माँ तो आगे की सीट पर बैठे अपनी बातें कर रहे थे, कुछ देर पहाड़, नदी देखते-देखते ननकू, चीकू और रसगुल्ला सो गए। अब जब वो जाए हैं तो आगे है खुली सी सड़क जिसके दोनों ओर बड़े-बड़े पेड़ हैं जो सड़क को और सुंदर बना रहे हैं। अब जब उठ ही गए तो रसगुल्ला की शरारतें भी शुरू हो गयीं। इससे पहले रसगुल्ला इतनी दूर कभी गया ही नहीं था, उसे गाड़ी में बड़ा मज़ा आ रहा था अचानक रसगुल्ला को सीट के नीचे बॉल बार-बार बाहर और अंदर होती नज़र आयी तो रसगुल्ला ने सीट के नीचे कूदकर बॉल को अपने मुँह में दबाया और ननकू को देखने लगा। ननकू कुछ कहता उससे पहले चीकू ने रसगुल्ला को देख लिया और उसे देखकर गुर्राया..रसगुल्ला का मुँह खुला बॉल वापस नीचे और रसगुल्ला सीधे ननकू की गोद में। चीकू ने बॉल उठायी और मुँह में दबाकर अपने बाज़ू में रख दिया, फिर बाहर देखने लगा।

अब ननकू बीच में था और उसके एक ओर चीकू दूसरी ओर रसगुल्ला। रसगुल्ला भी शरारती उसे कहाँ चैन से बैठना आता है..वो खिड़की से बाहर झाँकने की कोशिश करने लगा, पर है तो छुटकू न, तो कूद-कूद कर खिड़की तक पहुँचने की कोशिश करने लगा। उसका कूदना देखकर ननकू हँसने लगा और ननकू को हँसता देख रसगुल्ला और कूदने लगा। उनकी इस मस्ती से पापा और माँ भी मुस्कुरा उठे और तो और चीकू भी ना चाहते हुए रसगुल्ला को देखने लगा। उसे तो पहले समझ ही नहीं आया कि रसगुल्ला ऐसे कूद क्यों रहा है..पर उसे भी इसमें मज़ा आ रहा था। एक बार को तो चीकू अपनी नाराज़गी भूल ननकू के पास आकर बैठ गया और रसगुल्ला को देखने लगा तभी ननकू ने रसगुल्ला को गोद में लेकर खिड़की तक पहुँचाया रसगुल्ला बाहर देखने लगा। पापा ने खिड़की खोल दी रसगुल्ला को जब हवा लगी तो वो ननकू को देखकर ख़ुशी से उसे चाटने लगा।

ये देखकर चीकू वापस अपनी खिड़की की ओर चला गया। लेकिन वो बार-बार ननकू और रसगुल्ला को देख रहा था। रसगुल्ला और ननकू अपनी शरारतों में लगे थे। माँ ने ननकू को बिस्कट का पैकेट खोलकर दिया ननकू के हाथ से रसगुल्ला बिस्कट लेकर खाने बैठ गया। अब ननकू ने बहुत सोचकर जब चीकू की तरफ़ बिस्कट बढ़ाया तो चीकू ने उसको देखा और मुँह फेरने वाला था कि ननकू बोला-
“खा ले न चीकू”

चीकू पलटा और ननकू के हाथ से बिस्कट ले लिया। ननकू ने ख़ुश होकर चीकू को गले लगा लिया, रसगुल्ला ने उन दोनों को देखा और वो भी गले लगने आया पर चीकू को देखकर वापस अपनी जगह पहुँच गया और बैठकर बिस्कट खाने लगा। बीच-बीच में उन दोनों को देख लेता था। तो भई चीकू की नाराज़गी ननकू से दूर हो गयी लेकिन वो रसगुल्ला से क्यों नाराज़ है और कब तक नाराज़ रहेगा पता नहीं। ननकू से वापस दोस्ती हो गयी है अब ननकू चीकू और रसगुल्ला की दोस्ती कैसे करवाएगा ये तो हमें भी नहीं पता। अरे हम यहाँ बातों में लग गए और ये तीनों खा रहे हैं बिस्कट।

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