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Momin ki shayari Urdu Shabd Gham Gam हिन्दी व्याकरण वाला वाली द वाले शब्दSahitya Duniya

Momin ki shayari

असर उसको ज़रा नहीं होता
रंज राहत-फ़ज़ा नहीं होता

बेवफ़ा कहने की शिकायत है
तो भी वादा-वफ़ा नहीं होता

तुम हमारे किसी तरह न हुए
वर्ना दुनिया में क्या नहीं होता

उसने क्या जाने क्या किया ले कर
दिल किसी काम का नहीं होता Momin ki shayari

इम्तिहाँ कीजिए मिरा जब तक
शौक़ ज़ोर-आज़मा नहीं होता

तुम मिरे पास होते हो गोया
जब कोई दूसरा नहीं होता

हाल-ए-दिल यार को लिखूँ क्यूँकर
हाथ दिल से जुदा नहीं होता

चारा-ए-दिल सिवाए सब्र नहीं
सो तुम्हारे सिवा नहीं होता

क्यूँ सुने अर्ज़-ए-मुज़्तरिब ‘मोमिन’
सनम आख़िर ख़ुदा नहीं होता

~ मोमिन ख़ाँ ‘मोमिन’

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