दो शाइर, दो नज़्में(11): हबीब जालिब और नून मीम राशिद
Habib Jalib Shayari Hindi हबीब जालिब की नज़्म- औरत बाज़ार है वो अब तक जिस में तुझे नचवाया दीवार है…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Habib Jalib Shayari Hindi हबीब जालिब की नज़्म- औरत बाज़ार है वो अब तक जिस में तुझे नचवाया दीवार है…