घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का अंतिम भाग

Premchand ki kahani Dhaporshankh

Premchand ki kahani Dhaporshankh ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद पहला भाग दूसरा भाग तीसरा भाग चौथा भाग पाँचवाँ भाग छठा भाग भाग-7 (अब तक आपने पढ़ा…लेखक यहाँ अपने एक मित्र ढपोरशंख की कहानी सुना रहे हैं। ढपोरशंख ने जब लेखक को अपने एक दोस्त के विषय में बताया तो उनकी पत्नी ने उस दोस्त करुणाकर को धोखेबाज़ … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का छटवाँ भाग

Premchand Ki Kahaniyan

Premchand Ki Kahaniyan ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद भाग-6 (Premchand Ki Kahaniyan अब तक आपने पढ़ा…लेखक यहाँ अपने एक मित्र ढपोरशंख की कहानी सुना रहे हैं। ढपोरशंख ने जब लेखक को अपने एक दोस्त के विषय में बताया तो उनकी पत्नी ने उस दोस्त करुणाकर को धोखेबाज़ कहा इस बात पर फ़ैसला करने के लिए लेखक को पाँच … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का पाँचवाँ भाग

Premchand ki Dhaporshankh

ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद भाग-5 (Premchand ki Dhaporshankh अब तक आपने पढ़ा…लेखक यहाँ अपने एक मित्र ढपोरशंख की कहानी सुना रहे हैं। ढपोरशंख ने जब लेखक को अपने एक दोस्त के विषय में बताया तो उनकी पत्नी ने उस दोस्त करुणाकर को धोखेबाज़ कहा इस बात पर फ़ैसला करने के लिए लेखक को पाँच बनाकर लेखक … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का चौथा भाग

Munshi Premchand ki Dhaporshankh

ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद भाग-4 Munshi Premchand ki Dhaporshankh(अब तक आपने पढ़ा…लेखक अपने एक मित्र के यहाँ आए हैं जिन्हें वो ढपोरशंख कहकर बुलाते हैं। इस मित्र के यहाँ आने पर उन्हें ढेर सारी चिट्ठियाँ मिलती हैं, जिसके बारे में पूछने पर पता चलता है कि वो उन्हें एक नए मित्र करुणाकर ने लिखी हैं। इस … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का दूसरा भाग

Munshi Premchand Story Dhaporshankh

Munshi Premchand Story Dhaporshankh ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद  भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा…लेखक अपने मित्र के बारे में बताते हैं जिन्हें वो रत्न मानते हैं लेकिन ढपोरशंख कहकर बुलाते हैं क्योंकि उनके मित्र भले ही अभावों में रह लें लेकिन न किसी के सामने हाथ फैलाते हैं और न ही अपनी ग़रीबी का रोना रोते। अगर … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “ढपोरशंख” का पहला भाग

Munshi Premchand ki kahani Dhaporshankh

Munshi Premchand ki kahani Dhaporshankh – ढपोरशंख- मुंशी प्रेमचंद भाग-1  Munshi Premchand ki kahani Dhaporshankh:: मुरादाबाद में मेरे एक पुराने मित्र हैं, जिन्हें दिल में तो मैं एक रत्न समझता हूँ पर पुकारता हूँ ढपोरशंख कहकर और वह बुरा भी नहीं मानते। ईश्वर ने उन्हें जितना ह्रदय दिया है, उसकी आधी बुद्धि दी होती, तो … Read more