मुहब्बत पर ख़ूबसूरत शेर
Mohabbat Shayari गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो डर कैसा गर जीत गए तो क्या कहना हारे भी तो बाज़ी मात नहीं फ़ैज़ अहमद “फ़ैज़” (Faiz Ahmed Faiz) ______ दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है आख़िर इस दर्द की दवा क्या है मिर्ज़ा ग़ालिब ______ हमने दिल दे भी दिया अहद ए … Read more