अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
Ab Ke Hum Bichhde To Shayad Kabhi Khwaabon mein Milen.. अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Ab Ke Hum Bichhde To Shayad Kabhi Khwaabon mein Milen.. अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें…
Sardi Shayari दिसम्बर की सर्दी है उसके ही जैसी ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है अमित शर्मा मीत…
Ehsaas Shayari अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझको मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं आसी…
Judai Shayari किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ…
Mohabbat Shayari गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो डर कैसा गर जीत गए तो क्या कहना…