fbpx
Sardi Shayari

Sardi Shayari

दिसम्बर की सर्दी है उसके ही जैसी
ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है

अमित शर्मा मीत

___________

थी बहुत तेज़ जो सर्दी की हवा,
ये भी मुश्किल है कि ठहरा होगा

अरग़वान रब्बही

_______

मिरे सूरज आ! मिरे जिस्म पे अपना साया कर
बड़ी तेज़ हवा है सर्दी आज ग़ज़ब की है

शहरयार

उर्दू को लेकर पाँच सवाल!____

अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में
इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में

शोएब बिन अज़ीज़

__________

राजेन्द्र मनचंदा बानी के बेहतरीन शेर…

सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला

मुहम्मद अल्वी

___________

वो गले से लिपट के सोते हैं
आज-कल गर्मियाँ हैं जाड़ों में

मुज़्तर ख़ैराबादी

________

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी

परवीन शाकिर

_________

ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ
हम अपने शहर में होते तो घर गए होते

उम्मीद फ़ाज़ली

________

यूनिवर्सिटी छात्रों को पसंद आने वाली शायरी

इक बर्फ़ सी जमी रहे दीवार-ओ-बाम पर
इक आग मेरे कमरे के अंदर लगी रहे

सालिम सलीम

__________

जब चली ठंडी हवा बच्चा ठिठुर कर रह गया
माँ ने अपने ला’ल की तख़्ती जला दी रात को

सिब्त अली सबा

________

तुम तो सर्दी की हसीं धूप का चेहरा हो जिसे
देखते रहते हैं दीवार से जाते हुए हम

नोमान शौक़

_________

बहज़ाद लखनवी के बेहतरीन शेर…

सूरज लिहाफ़ ओढ़ के सोया तमाम रात
सर्दी से इक परिंदा दरीचे में मर गया

अतहर नासिक

_________

कतराते हैं बल खाते हैं घबराते हैं क्यूँ लोग
सर्दी है तो पानी में उतर क्यूँ नहीं जाते

महबूब ख़िज़ां

____________

रात की ओस में जमी है क्या,
इक हवा सर्द शबनमी है क्या

अरग़वान रब्बही

_______

हसरत मोहानी के बेहतरीन शेर

‘अल्वी’ ये मो’जिज़ा है दिसम्बर की धूप का
सारे मकान शहर के धोए हुए से हैं

मुहम्मद अल्वी

______

सर्द झोंकों से भड़कते हैं बदन में शो’ले
जान ले लेगी ये बरसात क़रीब आ जाओ

साहिर लुधियानवी

Sardi Shayari

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *