Ameer Minai Best Sher
कश्तियाँ सबकी किनारे पे पहुँच जाती हैं
नाख़ुदा जिनका नहीं उनका ख़ुदा होता है
अमीर मीनाई
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हुए नामवर बे-निशाँ कैसे कैसे
ज़मीं खा गई आसमाँ कैसे कैसे
अमीर मीनाई
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कौन उठाएगा तुम्हारी ये जफ़ा मेरे बाद
याद आएगी बहुत मेरी वफ़ा मेरे बाद
अमीर मीनाई
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तुमको आता है प्यार पर ग़ुस्सा
मुझको ग़ुस्से पे प्यार आता है
अमीर मीनाई
सर्दी पर बेहतरीन शेर…
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मुश्किल बहुत पड़ेगी बराबर की चोट है
आईना देखिएगा ज़रा देख-भाल के
अमीर मीनाई
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वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिए
अमीर मीनाई
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गाहे गाहे की मुलाक़ात ही अच्छी है ‘अमीर’
क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना
अमीर मीनाई
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आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन
मरता हूँ मैं जिस पर वो अदा और ही कुछ है
अमीर मीनाई
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वो बेदर्दी से सर काटें ‘अमीर’ और मैं कहूँ उनसे
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता
अमीर मीनाई
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हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी
क्यूँ तुम आसान समझते थे मुहब्बत मेरी
अमीर मीनाई
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उर्दू को लेकर पाँच सवाल!
तीर खाने की हवस है तो जिगर पैदा कर
सरफ़रोशी की तमन्ना है तो सर पैदा कर
अमीर मीनाई
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जो चाहिए सो माँगिये अल्लाह से ‘अमीर’
उस दर पे आबरू नहीं जाती सवाल से
अमीर मीनाई
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उल्फ़त में बराबर है वफ़ा हो कि जफ़ा हो
हर बात में लज़्ज़त है अगर दिल में मज़ा हो
अमीर मीनाई
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ख़ंजर चले किसी पे तड़पते हैं हम ‘अमीर’
सारे जहाँ का दर्द हमारे जिगर में है
अमीर मीनाई
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अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है
हम मरे जाते हैं तुम कहते हो हाल अच्छा है
अमीर मीनाई
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साफ़ कहते हो मगर कुछ नहीं खुलता कहना
बात कहना भी तुम्हारा है मुअम्मा कहना
अमीर मीनाई
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कैसे नादाँ हैं जो अच्छों को बुरा कहते हैं
हो बुरा भी तो उसे चाहिए अच्छा कहना
अमीर मीनाई
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‘अमीर’ अब हिचकियाँ आने लगी हैं
कहीं मैं याद फ़रमाया गया हूँ
अमीर मीनाई
_उस्तादों के उस्ताद शायरों के 400 शेर…
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किसी रईस की महफ़िल का ज़िक्र ही क्या है
ख़ुदा के घर भी न जाएँगे बिन बुलाए हुए
अमीर मीनाई
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माँग लूँ तुझसे तुझी को कि सभी कुछ मिल जाए
सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है
अमीर मीनाई
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Ameer Minai Best Sher
dil khush kardita