मुनीर नियाज़ी के बेहतरीन शेर

Munir Niazi Poetry In Hindi Zinda Rahen To Kya Mar Jayen Hum To Kya Munir Niazi Shayari

Munir Niazi Shayari ~ 1. शहर की गलियों में गहरी तीरगी गिर्यां रही रात बादल इस तरह आए कि मैं तो डर गया 2. दिल अजब मुश्किल में है अब अस्ल रस्ते की तरफ़ याद पीछे खींचती है आस आगे की तरफ़ 3. किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते सवाल सारे ग़लत थे … Read more

दो शाइर, दो नज़्में(10): कैफ़ी आज़मी और मुनीर नियाज़ी

Ishq ki shayari Kaifi Azmi Shayari Hindi Noshi Gilani Shayari Qateel Shifai Daagh Dehlvi Hari Shankar Parsai Jaishankar Prasad Amrita Pritam Ki Kahani Vrahaspativar ka vrat ~ "बृहस्पतिवार का व्रत" Rajendra Bala Ghosh Ki Kahani Dulaiwali

Kaifi Azmi Shayari Hindi कैफ़ी आज़मी की नज़्म- दाएरा रोज़ बढ़ता हूँ जहाँ से आगे, फिर वहीं लौट के आ जाता हूँ बार-हा तोड़ चुका हूँ जिन को उन्हीं दीवारों से टकराता हूँ रोज़ बसते हैं कई शहर नए रोज़ धरती में समा जाते हैं ज़लज़लों में थी ज़रा सी गर्मी वो भी अब रोज़ ही … Read more