दुष्यंत कुमार के बेहतरीन शेर..
लहू-लुहान नज़ारों का ज़िक्र आया तो शरीफ़ लोग उठे दूर जा के बैठ गए ______ तू किसी रेल सी गुज़रती…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
लहू-लुहान नज़ारों का ज़िक्र आया तो शरीफ़ लोग उठे दूर जा के बैठ गए ______ तू किसी रेल सी गुज़रती…