मैं तुम लोगों से दूर हूँ ~ गजानन माधव मुक्तिबोध

Chand Ka Munh Tedha Hai Main Tum Logon Se Door Hoon Gajanan Madhav Muktibodh

Main Tum Logon Se Door Hoon ~ मैं तुम लोगों से दूर हूँ ~ गजानन माधव मुक्तिबोध मैं तुम लोगों से इतना दूर हूँ तुम्हारी प्रेरणाओं से मेरी प्रेरणा इतनी भिन्न है कि जो तुम्हारे लिए विष है, मेरे लिए अन्न है। मेरी असंग स्थिति में चलता-फिरता साथ है, अकेले में साहचर्य का हाथ है, … Read more

गजानन माधव मुक्तिबोध की रचनाएँ

Chand Ka Munh Tedha Hai Main Tum Logon Se Door Hoon Gajanan Madhav Muktibodh

गजानन माधव मुक्तिबोध (Gajanan Madhav Muktibodh) हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, कहानीकार, उपन्यासकार और निबंधकार थे। उनका जन्म १३ नवम्बर १९१७ को श्योपुर में हुआ था। उनको एक प्रगतिशील कवि माना जाता है। उनकी कविताओं में नया रँग भी था और प्रगतिशीलता की चमक भी। आज के दौर में उनकी रचनाएँ तो मशहूर हैं … Read more