“द जर्नी ऑफ़ शिवा” एक ऐसी यात्रा पर ले जाती है जहाँ मेहनत के रास्ते प्रसिद्धि की राह है

The Journey Of Shiva

The Journey Of Shiva Review ~ किताबें एक यात्रा की तरह होती हैं और उन्हें पढ़ते हुए हम काल्पनिक या वास्तविक कितनी ही यात्राएँ तय करते हैं। एक ऐसा ही सफ़र तय हुआ जब हमने हाल ही में मिली किताब ” The Journey Of Shiva ” पढ़ी। इस किताब को लिखा है जयश्री शेट्टी ने … Read more

मुश्किलों से डरने की बजाय उनका डटकर सामना करने का संदेश देती है किताब “So What”

Sonal Sonkavde Book So What

सोनल सोनकवड़े का उपन्यास “कॉमा” पढ़ने के बाद जहाँ कई सवालों के जवाब मिले और रोमांच से भरा एक बेहतरी कहानी का सफ़र तय हुआ, वहीं कई ऐसे सवाल भी थे जो परी के पहले रिश्ते से जुड़े थे। अक्सर ऐसे कई सवाल आसपास मिलने वाले लोगों की ज़िंदगी से जुड़े होते हैं जो हमें … Read more

सोनल सोनकवड़े का उपन्यास “कॉमा” अंत तक बांधे रखने वाली दमदार कहानी..

Sonal Sonkavde Comma Review

Sonal Sonkavde Comma Review ~ अक्सर हमें अपने बड़ों से ये सुनने मिलता है कि आजकल के बच्चों के दिमाग़ में क्या चलता है समझ ही नहीं आता। ये हम अपने आसपास के लोगों के लिए भी कई बार कहते हैं, ख़ासकर तब जब वो किसी रिश्ते में होते हैं या उस रिश्ते से निकले … Read more

आम जीवन की सहज झलक देती है “वातायन”

Vatayan Review

Vatayan Review ~ किताब दुनिया में आज हम जिस किताब की बात करने वाले हैं वो किताब है लघु कहानी संग्रह वातायन। राजुल अशोक (Rajul Ashok) की इस किताब में कुल 15 कहानियाँ हैं। इन कहानियों में जहाँ आम जीवन की झलक मिलती है वहीं नाटकीय मोड़ से सभी कहानियाँ कोसों दूर हैं। कहानियों की … Read more

ख़ूबसूरत तस्वीरों और जानकारियों से मन मोहती है “लद्दाख़”

Laddakh Review Mahendra Singh

Laddakh Review Mahendra Singh ~ कहते हैं अगर आपको ख़ुद को पहचानना हो तो यात्रा करनी चाहिए। अक्सर हम ख़ुद से मुलाक़ात कर पाते हैं जब हम यात्रा में होते हैं, आने वाली तरह-तरह की परिस्थितियों में हमारा व्यवहार किस तरह का होता है और हम किस तरह से उन परिस्थितियों को समझते हैं और उनके साथ संतुलन बनाते हैं, ये सभी अनुभव यात्रा के दौरान होता है। और एक बात भी जो यात्रा हमें सिखाती है वो ये कि हम अपने परिवार के साथ किस तरह से जुड़े हुए हैं साथ ही परिवार के सदस्यों का व्यवहार कैसा है। आज के समय में ये कटु सत्य है कि घर में साथ रहते हुए हम अपने परिवार से उस तरह से नहीं मिल पाते जैसे हम किसी सफ़र के दौरान मिल पाते हैं।

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मन की भावनाओं के द्वार खोलता है रश्मि रविजा का कहानी संग्रह “बंद दरवाज़ों का शहर”

Band Darwazon Ka Shahar Review

Band Darwazon Ka Shahar Review ~ ‘बंद दरवाज़ों का शहर’ रश्मि रविजा (Rashmi Ravija) का कहानी संग्रह है। इस कहानी (Hindi Kahani) संग्रह में भावनाओं के अलग-अलग द्वार खुलते हैं, फिर वो चाहे प्रेम को ख़ुद से दूर करती तलाक़शुदा महिला हो या महानगर में दिनभर घर में अकेली बातों को तरसती स्त्री हो, एक … Read more

ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा “जूठन” की समीक्षा

Joothan Review

Joothan Review पता ही नहीं था क्या होगा उसमें..कैसी होगी..अमूमन किताबों के पहले पाँच पन्नों से अनुमान लगाने की आदत है कि ये किताब कैसी होगी..शायद ये अच्छी आदत नहीं है..लेकिन जब पहले पाँच पन्ने बिना रुके पढ़े जाएँ तो मुझे लगता है कि आगे बढ़ना चाहिए..वैसे एक बार पढ़ने के लिए किताब उठाने के … Read more