उर्दू शायरी और शब्द : तजुर्बा नहीं तज’रबा, जमा नहीं जम’अ, शुरू नहीं शुरू’अ…

Aanand Naaraayan Mullaah Urdu Poetry Words Hindi Ki Best Kahaniyan Jayshankar Prasad Ki Kahani Chooriwali

Urdu Poetry Words आज हम कुछ ऐसे ज़रूरी अलफ़ाज़ के बारे में आपसे बात करने जा रहे हैं जो आम बोलचाल में अक्सर ग़लत ही तरह से बोले जाते हैं. तज’रबा या तज’रिबा (تجربہ): तज’रबा का अर्थ है अनुभव. इस लफ़्ज़ को अक्सर करके लोग ‘तजुर्बा’ पढ़ते हैं जबकि ये सही नहीं है, सही लफ़्ज़ तजरबा … Read more

उर्दू शायरी और शब्द : फ़िर नहीं फिर, गम नहीं ग़म, मिजाज़ नहीं मिज़ाज…

Momin ki shayari Urdu Shabd Gham Gam हिन्दी व्याकरण वाला वाली द वाले शब्द

Urdu Shabd Gham Gam कुछ ऐसे लफ़्ज़ हैं जो हमारी ज़िन्दगी का अहम् हिस्सा हैं और लगभग रोज़ हम इनका इस्तेमाल करते हैं.कुछ इसी तरह के पाँच अलफ़ाज़ लेकर हम आज उनके बोलने के तरीक़े पर बात करेंगे. ये पाँच अलफ़ाज़ हैं- फिर, ग़म, मिज़ाज, ग़ज़ब, और ग़लत. फिर (پھر) – लफ़्ज़ ‘फिर’ को अधिकतर आबादी फ़िर … Read more

उर्दू शायरी और शब्द : ‘ग़म’, बोलने का तरीक़ा, कुछ बातें और इससे जुड़े शब्द…

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Urdu Lafz Gham :  ग़म (غم): ग़म शब्द मूल रूप से फ़ारसी भाषा से लिया गया है. इसका अर्थ है दुःख, शोक, क्षोब, इत्यादि. उर्दू में इसे ग़ैन (غ) और मीम (م) को मिला कर लिखा जाता है. हिंदी में ग़ैन (غ) के लिए “ग़” और मीम (م) के लिए “म” का प्रयोग किया जाता है और इस प्रकार इसे “ग़म” लिखा जाता है. ध्यान रहे इसमें ग के नीचे बिंदी (नुक़ता) लगी हुआ है और इसलिए इसका उच्चारण करते समय विशेष ध्यान रहे. अगर ग के नीचे बिंदी ना होती और ये ‘गम’ लिखा होता तो उर्दू ज़बान में इसे लिखने के लिए ग़ैन (غ) और मीम (م) का नहीं बल्कि गाफ़ (گ) और मीम (م) का इस्तेमाल होता. ग़म से बने कुछ अलफ़ाज़..

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उर्दू शायरी और शब्द : ज़रा ध्यान से “ख़ू” को “ख़ूं” ना समझ लीजियेगा…

wo humsafar tha वो हम-सफ़र था मगर उससे हम-नवाई न थी Urdu ke Mushkil Lafz Akhtar Ul Iman Shayari Majaz Shayari Famous Barish Shayari Barsaat Shayari Baarish Shayari Hindi Kahani Arghwan Rabbhi Urdu Lafz Aghori Ka Moh Acaharya Ram Chandra Shukl Ki Kahani Gyaarah Varsh Ka Samay Jigar aur dil ko bachana

Urdu Lafz :  हर ज़बान में कुछ ऐसे लफ़्ज़ होते हैं जो बोलने में लगभग एक से सुनाई देते हैं लेकिन मा’नी में अलग होते हैं. हालाँकि ये लफ़्ज़ बोलने में भी अलग ही होते हैं लेकिन सुनते वक़्त कोई कम ध्यान लगाए तो एक से लग जाएँ.ऐसे ही लफ़्ज़ों के दो जोड़े हम आज … Read more