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अंदर के कमरे की खिड़की से बाहर हो रही बारिश को देखकर ननकू, रसगुल्ला और चीकू मस्ती कर रहे है। तख़त पर बैठ कर ननकू और चीकू बहते पानी को देख रहे हैं तो रसगुल्ला का मन बारिश में नहाने का हो रहा है। रसगुल्ला ने ननकू और चीकू दोनों को मनाने की कोशिश की कि आँगन में नहाएँगे लेकिन चीकू और ननकू तो जैसे नहाना चाहते ही न थे। फिर ननकू और चीकू वहीं आपस में कुछ खेलने लगे…अचानक रसगुल्ला ज़ोर से भौंकने लगा….ननकू ने ख़ास तवज्जो न दी लेकिन चीकू को कुछ अलग सी बात लगी।
चीकू भी खिड़की की ओर देखने लगा और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ने लगा। चीकू और रसगुल्ला दोनों तेज़ी से जल्दी-जल्दी चीख़ने लगे, ननकू हैरान हो गया और उसने जैसे ही खिड़की की ओर देखा वो डर के भागा लेकिन तभी उसे याद आया और उसने आवाज़ लगाई, “अरे भागो साँप है साँप”
लेकिन चीकू और रसगुल्ला तो जैसे साँप से लड़ने को तैयार बैठे थे, रसगुल्ला खिड़की के एकदम पास पहुँच गया तभी ननकू ने रसगुल्ला को अपनी गोद में लिया और चीकू को भी बुलाया…

ननकू ज़ोर-ज़ोर से चीख़ने लगा,”साँप-साँप…” रसगुल्ला और चीकू बिला-रुके भौंकते ही चले जा रहे थे…जब तक कमरे से बाहर निकलते उसके पहले ही रॉकी चाचा, राखी बुआ, माँ, पापा सब आ गए…
“क्या हुआ?किधर है साँप?,” राखी बुआ ने सवाल किया…
पीछे आ रहीं मौसी दादी ने कहा,”बच्चों इधर आओ तुम लोग…रॉकी तू ज़रा देख तो लाइट जला कर …
“नहीं न दादी, वो अंदर नहीं आया…खिड़की से देखा” ननकू ने सहमी सी आवाज़ में बताया…
मौसी दादी ने ननकू के सर पर हाथ रक्खा और आँखों से रॉकी को इशारा किया..
रॉकी चाचा ने टॉर्च के ज़रिए तख़त और हर तरफ़ देखा कि कहीं साँप घर में तो नहीं है…
“अरे बारिश होने से साँप के बिल भर जाते हैं, तो ऊपर आ जाते हैं…”
आँगन से सटे कमरे में बैठीं दादी ने जैसे ही ये बात कही ननकू को उत्सुकता सी हुई…
पास जाकर ननकू ने दादी से पूछा,”अच्छा…तो ये हमें काटने नहीं आया था?”
“न बेटा…”
“फिर हमें डरने की कोई ज़रूरत नहीं है न?”
“थोड़ा तो डरना चाहिए”
“पर आप ही ने तो कहा न…”
“हाँ बेटा, पर उसे लगता है कि हम उसको मारेंगे और वो अपने को बचाने के लिए हम पर हमला कर सकता है”
“पर हम तो उसे नहीं मारने वाले न”
“पर मेरे बाबू उसे नहीं पता न ये…”
” अरे पर ये तो कितनी सिंपल बात है, वो क्या एकदम बुद्धू है”
ननकू की बात सुनकर सब हँसने लगे, पापा और रॉकी चाचा भी साँप ढूँढते-ढूँढते हँसने लगे।
दादी ने दुलारते हुए कहा,”हाँ, एकदम बुद्धू ही समझो”

सबको हँसता देख रसगुल्ला तो मस्ती में लग गया पर चीकू अभी भी ज़रा अलर्ट सा है जबकि ननकू ये समझने की कोशिश कर रहा है कि साँप से डरना चाहिए या नहीं डरना चाहिए…

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