fbpx
Hindi Kahani Khwahish Iqbal ke Top Sher Ghar Shayariसाहित्य दुनिया

Iqbal ke Top Sher: महान उर्दू और फ़ारसी शा’इर मुहम्मद इक़बाल की आज पुण्यतिथि है. उनका जन्म 9 नवम्बर 1877 में हुआ था. वो एक महान दार्शनिक, नेता और महान शा’इर थे. इक़बाल को आधुनिक काल की फ़ारसी शा’इरी का महानतम कवि कहा जाता है.  उर्दू में उनकी शिकवा और जवाब ए शिकवा बहुत मक़बूल नज़्में हैं.  उनका  21 अप्रैल, 1938 को इंतक़ाल हो गया. उनकी पुन्यतिथि पर हम उन्हें याद करते हुए उनके दस शे’र साझा कर रहे हैं.

1.
न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिन्दोस्ताँ वालो
तुम्हारी दास्ताँ तक भी न होगी दास्तानों में

2.
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल
लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे

3.
कभी हम से कभी ग़ैरों से शनासाई है
बात कहने की नहीं तू भी तो हरजाई है

4.
तिरे आज़ाद बंदों की न ये दुनिया न वो दुनिया
यहाँ मरने की पाबंदी वहाँ जीने की पाबंदी

5.
ख़ुदावंदा ये तेरे सादा-दिल बंदे किधर जाएँ
कि दरवेशी भी अय्यारी है सुल्तानी भी अय्यारी

6.
दिल से जो बात निकलती है असर रखती है
पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है

7.
दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है
फिर इस में अजब क्या कि तू बेबाक नहीं है

8.
ऐ ताइर-ए-लाहूती उस रिज़्क़ से मौत अच्छी
जिस रिज़्क़ से आती हो परवाज़ में कोताही

9.
इश्क़ तिरी इंतिहा इश्क़ मिरी इंतिहा
तू भी अभी ना-तमाम मैं भी अभी ना-तमाम

10.
गुज़र जा अक़्ल से आगे कि ये नूर
चराग़-ए-राह है मंज़िल नहीं है  Iqbal ke Top Sher

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *