Khushbu Shayari
वो तो ख़ुशबू है हवाओं में बिखर जाएगा
मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा
परवीन शाकिर
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मुहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है
कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता
बशीर बद्र
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सलीक़े से हवाओं में जो ख़ुशबू घोल सकते हैं
अभी कुछ लोग बाक़ी हैं जो उर्दू बोल सकते हैं
अज्ञात
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रंग बातें करें और बातों से ख़ुशबू आए
दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए
ज़िया जालंधरी
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हसरत मोहानी के बेहतरीन शेर
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
लाल चन्द फ़लक
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इक मुलाक़ात का जादू कि उतरता ही नहीं
तिरी ख़ुशबू मिरी चादर से नहीं जाती है
राहत इंदौरी
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यूनिवर्सिटी छात्रों को पसंद आने वाली शायरी
फ़रिश्ते आ कर उनके जिस्म पर ख़ुशबू लगाते हैं
वो बच्चे रेल के डिब्बों में जो झाड़ू लगाते हैं
मुनव्वर राना
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रंग ख़ुशबू और मौसम का बहाना हो गया
अपनी ही तस्वीर में चेहरा पुराना हो गया
खालिद गनी
शहरयार की फ़िल्मों में आयी ग़ज़लें…
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लहजा कि जैसे सुब्ह की ख़ुशबू अज़ान दे
जी चाहता है मैं तिरी आवाज़ चूम लूँ
बशीर बद्र
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ख़्वाबों की तरह आना ख़ुशबू की तरह जाना
मुमकिन ही नहीं लगता ऐ दोस्त तुझे पाना
अतहर शकील
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ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में
गुलज़ार
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हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अब
फूल ख़ुशबू से ख़फ़ा हो जैसे
इफ़्तिख़ार आज़मी
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परवीन शाकिर के बेहतरीन शेर…
एक आईना रू-ब-रू है अभी
उस की ख़ुशबू से गुफ़्तुगू है अभी
अदा जाफ़री
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Khushbu Shayari