वज़्न करने का तरीक़ा (2)

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Urdu Shayari Mein Wazn तीन अक्षर वाले शब्दों का वज़्न
जैसा कि हमने पहले की पोस्ट में बताया है कि किसी भी अक्षर या अक्षर के जोड़े का वज़्न 1 या 2 ही लिया जाएगा, ऐसे में जब शब्द तीन अक्षर का होता है तो उसको हमें दो हिस्सों में करना होता है. आइये समझने की कोशिश करते हैं-

12 वज़्न वाले शब्द
तीन अक्षर वाले ऐसे शब्द जिनके तीनों अक्षर पूरे होते हैं और बाद के दोनों अक्षर मिलकर एक जोड़ा बना लेते हैं और पहला अक्षर अकेला रहता है. जैसे मगर, ‘मगर’ का वज़्न 12 लिया जाता है. एक बार ‘मगर’ को बोल कर देखें..’मग’ और ‘र’ अलग करेंगे तो अजीब लगेगा लेकिन ‘म’ और ‘गर’ करेंगे तो नहीं लगेगा,यहाँ ‘गर’ एक अच्छा जोड़ा बनाता नज़र आ रहा है. यही वजह है कि इसका वज़्न 12 लिया जाता है. 12 वज़्न वाले कुछ शब्द: नगर, डगर, मगर, अगर, क़दर, जलन, सहर, जिगर,गगन, क़सम, सनम, करम, दमन, चलन, अगन, कमल, रजत, मुहर, बदन, कमर, क़मर,अगन, कसक, गजक इत्यादि.

जब तीन अक्षर वाले शब्दों का दूसरा अक्षर आधा हो और आख़िरी अक्षर में  ई, ऊ, आ, ए, ऐ, ओ, औ में से कोई एक मात्रा लगी हो और बीच का अक्षर आधा हो-
ऐसे में वज़्न 12 ही होगा क्यूँकि तीसरा अक्षर(जोकि मात्रा के साथ है) और दूसरा अक्षर (जोकि आधा है) साथ पढ़ा जाएगा. जैसे तुम्हीं (तु-1,म्हीं-2), तुम्हें, उन्हें, किन्हीं, किन्हें, जिन्हें,इत्यादि.

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21 वज़्न वाले शब्द
*तीन अक्षर वाले ऐसे शब्द जिनके पहले दो अक्षर मिलकर जोड़ा बना लेते हैं और तीसरा अक्षर अकेला रह जाता है उनका वज़्न 21 लिया जाता है जैसे- मन’अ(मन-2 अ-1), दफ़’अ, नफ़’अ, जम’अ, इत्यादि (इन सभी लफ़्ज़ों को आम बोलचाल में मना, दफ़ा, नफ़ा, जमा पढ़ा जाने लगा जोकि सही नहीं है)

*अगर तीन अक्षर वाले शब्द का बीच वाला अक्षर आधा है तो शब्द का वज़्न 21 लिया जाएगा जैसे ‘जल्द’ (जल्-2, म-1).इसी आधार पर कुछ शब्द:
जिस्म, शम्स, जिल्द, जल्द, इल्म, क़िस्म, रस्म, शर्म, कर्म, धर्म, मर्म,वज़्न,अस्ल, रंग, अंग, दंग, जंग, उन्स,अस्र, इश्क़, मिस्र, रश्क, शब्द, मस्त, एक (उर्दू में जब ‘एक’ लिखते हैं तो ‘अलिफ़’ ‘ये’ और ‘काफ़’ का प्रयोग होता है, इसलिए ये भी तीन अक्षर वाला शब्द ही माना जाएगा लेकिन ‘ये’ की आवाज़ आधी ही है इसलिए इसे इस ग्रुप में रखेंगे), शह्र (शहर),क़ह्र (क़हर),ज़ह्र(ज़हर),बह्र (बहर), मह्र (महर), इत्यादि. Urdu Shayari Mein Wazn

जब तीन अक्षर वाले शब्दों के पहले अक्षर में इ, ई, ऊ, उ, आ, ए, ऐ, ओ, औ में से कोई एक मात्रा लगी हो और बीच का अक्षर आधा हो-
ऐसे में वज़्न 21 ही होगा. वो इसलिए क्यूँकि पहले अक्षर में मात्रा के साथ ही आधा अक्षर भी बोलने में आ जाएगा और आख़िरी अक्षर अकेला रह जाएगा जैसे दोस्त (दोस्-2, त-1). इसी आधार पर कुछ शब्द- कोफ़्त, जिन्स, फ़िक्र, ज़िक्र, इत्यादि.

तीन अक्षर वाले ऐसे शब्द जिनका पहला अक्षर आधा हो
जब तीन अक्षर वाले शब्दों का पहला अक्षर आधा होता है तो वो और उसके बाद वाला अक्षर एक साथ पढ़ने में आ जाते हैं और आख़िरी अक्षर अकेला रह जाता है, तो इनका वज़्न भी 21 होगा. जैसे-स्वर (स्व-2, र-1). अगर बीच के अक्षर में कोई मात्रा तब भी वज़्न 21 ही होगा जैसे स्वाद,(स्वा-2, द-1), प्यार इत्यादि. इसकी वजह ये है कि ये उच्चारण के समय एक प्रकार का जोड़ा बना लेते हैं.

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22 वज़्न वाले शब्द
अगर तीन अक्षर का शब्द है और दूसरे तथा तीसरे अक्षर में कोई मात्रा नहीं है लेकिन पहले अक्षर में ‘ई, ऊ, आ, ए, ऐ, ओ, औ’ में से कोई एक मात्रा है तो इसका वज़्न 22 होगा जैसे आदत (आ-2, दत-2), ठोकर, सोनम, जानम, औरत, मूरत, ठोकर, झेलम, पूनम, राहुल, जीवन, इत्यादि.

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121 वज़्न वाले शब्द
तीन अक्षर के वो शब्द जिनके पहले तथा तीसरे अक्षर में ‘ई, ऊ, आ, ए, ऐ, ओ, औ’ में से कोई मात्रा नहीं होती लेकिन बीच के अक्षर में ‘ई, ऊ, आ, ए, ऐ, ओ, औ’ में से कोई एक मात्रा होती है तो ऐसे शब्दों का वज़्न 121 होगा जैसे मशाल (म-1, शा- 2, ल-1). इसी वज़्न पर कुछ शब्द हैं- किताब (कि-1,ता-2,ब-1),हिसाब, हिजाब,मजाल, अज़ाब, रक़ीब,रदीफ़,चराग़,अजीब, अदीब, बग़ैर, ख़मोश, मिसाल, मिज़ाज, ख़याल, ज़वाल, बवाल, नदीम, हसीन, जमील, क़दीम, जदीद, लिहाफ़, हिजाब,मुराद इत्यादि.

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22 वज़्न वाले शब्द
तीन अक्षर के वो शब्द जिनके पहले तथा दूसरे अक्षर में ‘ई, ऊ, आ, ए, ऐ, ओ, औ’ में से कोई मात्रा नहीं होती लेकिन आख़िरी अक्षर में ‘ई, ऊ, आ, ए, ऐ, ओ, औ’ में से कोई एक मात्रा होती है तो ऐसे शब्दों का वज़्न 22/21 होगा. किसी शब्द के आख़िरी अक्षर में अगर मात्रा आती है तो उसे गिरा कर पढ़ा जा सकता है, गिरा कर पढ़ने पर उस हिस्से का वज़्न 1 माना जाता है (इसी वजह से वज़्न 21 भी हो सकता है). जैसे- झरना (झर-2, ना-2), फिसला (फिस-2, ला- 2), मिटना, मरना, करनी, जननी, जुगनू, चिमनी, दुनिया (इसका उच्चारण दुनया है), इत्यादि.

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शायरी सीखें: वज़्न करने का तरीक़ा (1)

Javed ya Zaved असग़र गोंडवी अल्लामा इक़बाल Mohabbat Shayari Nazm Mohabbat Shayari Nazm हिन्दी व्याकरण ए और ऐ Urdu Shayari Meter Zehra Nigah Shayari Best Urdu Shayari Abdul Hamid Adam Shayari wazeer aagha ghazal aise Usne Kaha Tha Hindi Ki Pahli Kahani Satyajeet Ray Ki Kahani Sahpathi Urdu Shayari Tree

Urdu Shayari Meter इसके पहले कि हम आगे की बात करें मिर्ज़ा ग़ालिब के एक शे’र की मदद से वज़्न क्या है ये समझने की कोशिश करते हैं-

बदल कर फ़क़ीरों का हम भेस ‘ग़ालिब’,
तमाशा ए अहले करम देखते हैं

इसका वज़्न करके आपको दिखाते हैं-

ब(1)दल(2)कर(2) फ़(1)क़ी(2)रों(2) का(1)हम(2)भे(2) स(1)ग़ा(2)लिब(2),
त(1)मा(2)शा(2) ए(1)अह(2)ले(2) क(1)रम(2)दे(2) ख(1)ते(2)हैं(2)

अगर नोटिस करें तो पहले मिसरे का वज़्न 122 122 122 122 है और इसी क्रम में यही वज़्न दूसरे मिसरे का भी है. इसी को शे’र का वज़्न में होना कहते हैं.

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नामौज़ूंनियत, सुस्त बंदिश, बलाग़त और फ़साहत

Learn Urdu Poetry Hindi Shayari Ki Zaroori Baaten आ वाले शब्द

Shayari Ki Zaroori Baaten आज हम आपको ‘शाइरी की बातें’ में चार ऐसे बिन्दुओं के बारे में बता रहे हैं जिसको जानना बेहद ज़रूरी है. इन्हें जानकार ही आपकी शा’इरी और बेहतर हो सकती है- नामौज़ूंनियत: नामौज़ूंनियत शब्द का अर्थ है कि किसी शेर का मौज़ूं ना होना. ऐसा माना जाता है कि कोई मिसरा … Read more

नज़्म क्या है?

Urdu Shayari se jude lafz Urdu ke words Khulasa Habib Jalib Shayari Hindi Parveen Shakir Sardar Jafri Nazm Kya Hoti Hai

Nazm Kya Hoti Hai: नज़्म अरबी ज़बान का लफ़्ज़ है जिसका अर्थ होता है ‘पिरोना’,’लड़ी’ या ‘कलाम ए शा’इर’. गुज़िश्ता ज़माने में तो शा’इरी को ही नज़्म कहा जाता था. इसका अर्थ ये हुआ कि किसी भी क़िस्म की शा’इरी नज़्म है लेकिन वक़्त के आगे बढ़ने के साथ नज़्म अपने आप में एक क़िस्म के रूप में विकसित हुई. आज उर्दू शा’इरी की दो जो बड़ी क़िस्में हैं उनमें से एक ग़ज़ल है और दूसरी नज़्म.

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ग़ज़ल क्या है?

है और हैं का प्रयोग Urdu Ke Mushkil Shabd Urdu Hindi Nuqte Wale हिन्दी व्याकरण इ और ई Ghazal Kya hai Children Story in Hindi

(Ghazal Kya hai) हमने इसके पहले आपको ‘शाइरी क्या है?’ इस बारे में बताया था. आज से हम शाइरी की अलग-अलग क़िस्मों के बारे में बात करेंगे. सबसे पहले बात करते हैं ग़ज़ल की. ग़ज़ल: एक ही ज़मीन में कहे गए अश’आर(शेर का बहुवचन) के समूह को ग़ज़ल कहते हैं. जैसा कि इसके पहले की … Read more

ग़ज़ल में मक़ता क्या होता है?

Meer Taqi Meer ki shayari. Ghazal Shayari Maqta संज्ञा के प्रकार ह वाले शब्द Sangya Ke Bhed

मक़ता: ग़ज़ल का आख़िरी शे’र मक़ता कहलाता है.अक्सर इसमें शा’इर अपने तख़ल्लुस (pen name) का इस्तेमाल करता है. Ghazal Shayari Maqta तख़ल्लुस: शा’इर जिस नाम से शा’इरी करता है उसे तख़ल्लुस कहते हैं जैसे रघुपति सहाय गोरखपुरी का तख़ल्लुस ‘फ़िराक़’ है जिन्हें हम ‘फ़िराक़’ गोरखपुरी के नाम से जानते हैं. मुहम्मद अल्वी की इस ग़ज़ल … Read more

शायरी सीखें: ग़ज़ल का मतला क्या होता है?

Ghazal ka Matla

Ghazal ka Matla मत’ला: ग़ज़ल या क़सीदे का वो शे’र जिसके दोनों मिसरों में रदीफ़ और क़ाफ़िये का इस्तेमाल होता है उसे मत’ला कहते हैं. अक्सर को ग़ज़ल का पहला शे’र मत’ला होता है लेकिन एक ग़ज़ल में एक से अधिक मत’ले भी हो सकते हैं, इसको लेकर कोई पाबंदी नहीं है. एक बात और … Read more

शायरी सीखें: क़ाफ़िया क्या है?

Shayari Kya Hai? Qafiya शृ और श्री में अंतर

क़ाफ़िया (Qafiya Kya Hai) ग़ज़ल के हर शेर के दूसरे मिसरे में रदीफ़ से ठीक पहले आने वाले वो शब्द जो एक ही आवाज़ पर ख़त्म होते हैं, उन्हें क़ाफ़िया (Qafiya) कहते हैं.मत’ला में क़ाफ़िया दोनों मिसरों में इस्तेमाल होता है जबकि बाक़ी शे’रों में ये सिर्फ़ मिसरा-ए-सानी में आता है. Qafiya Kya Hai समझने … Read more

रदीफ़ क्या है?

Radeef kya hai Urdu Shayari Behr Mutqarib Mushaira Urdu Shayari संज्ञा के प्रकार

रदीफ़ (Radeef kya hai): ग़ज़ल या क़सीदे के शेरों के अंत में जो शब्द या शब्द-समूह बार-बार दुहराए जाते हैं, उन्हें रदीफ़ कहते हैं. मत’ले में रदीफ़ दोनों मिसरों में रहती है जबकि ग़ज़ल के बाक़ी शे’रों में सिर्फ़ मिसरा-ए-सानी(दूसरे मिसरे) में ही इसका इस्तेमाल होता है. शकील बदायूँनी की इस ग़ज़ल में “पे रोना … Read more

शेर क्या है?

Sher Kaise Likhen

Sher Kaise Likhen शे’र: दो मिसरों की ऐसी कविता जिसके दोनों मिसरे एक बह्र और एक ही ज़मीन पर हों, शे’र कहलाती है. शे’र अगर मत’ला है तो दोनों मिसरों में रदीफ़ और क़ाफ़िए की पाबंदी होगी अन्यथा सिर्फ़ मिसरा-ए-सानी (दूसरे मिसरे) में रदीफ़, क़ाफ़िए की पाबंदी होगी. मिसरा: किसी भी पंक्ति (लाइन) को मिसरा … Read more