पेड़ पर शायरी
Urdu Shayari Tree ~ वो जिसकी छाँव में पच्चीस साल गुज़रे हैं वो पेड़ मुझ से कोई बात क्यूँ नहीं…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Urdu Shayari Tree ~ वो जिसकी छाँव में पच्चीस साल गुज़रे हैं वो पेड़ मुझ से कोई बात क्यूँ नहीं…
Phool Shayari काँटों में घिरे फूल को चूम आएगी लेकिन तितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा परवीन शाकिर…
Mirza Rafi Sauda Shayari रुबाइयाँ Mirza Rafi Sauda Shayari 1. गर यार के सामने मैं रोया तो क्या, मिज़्गाँ में…
मक़ता: ग़ज़ल का आख़िरी शे’र मक़ता कहलाता है.अक्सर इसमें शा’इर अपने तख़ल्लुस (pen name) का इस्तेमाल करता है. Ghazal Shayari…
Tarkash Review: अक्सर हिंदी में शामिल उर्दू लफ़्ज़ों का सही प्रयोग और उनका उच्चारण सीखना मुश्किल लगता है। लेकिन जहाँ…
Dyodhi Review “किताबों से कभी गुज़रो तो यूँ किरदार मिलते हैं गए वक़्त की ड्योढ़ी में खड़े कुछ यार मिलते…
The diary on the Fifth Floor Review ~ Raisha Lalwani इन दिनों हम कितनी बेवजह की उलझनों में उलझे रहते…
Aapka Bunty Review ~ “बस चली तो सबके बीच हँसते-बतियाते उसे ऐसा लगा जैसे सारे दिन ख़ूब सारी पढ़ाई करके…