प्रभा खेतान: साहित्य, नारीवाद और समाज सेवा की अनूठी मिसाल

Subah Shayari Morning Shayari Good Morning Shayari Famous Film Shayari Aahat Si Koi Aaye To Lagta Hai Ke Tum Ho Premchand Ki Kahani Vinod Munshi Premchand Ki Kahani Vinod Hindi Sahityik Kahani Vinod Zauq Ki Shayari

Prabha Khetan Biography प्रभा खेतान का जन्म 1 नवंबर,1942 को हुआ। वो एक ख्याति प्राप्त उपन्यासकार, कवियित्री,नारीवादीचिंतक एवं समाज सेविका थीं। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की और ‘ज्यां पॉल सार्त्र के अस्तित्ववाद’ पर पीएचडी की उपाधि हासिल की। वो जब सिर्फ़ 12वर्ष की थीं तभी से वो साहित्य साधना … Read more

मन की भावनाओं के द्वार खोलता है रश्मि रविजा का कहानी संग्रह “बंद दरवाज़ों का शहर”

Band Darwazon Ka Shahar Review

Band Darwazon Ka Shahar Review ~ ‘बंद दरवाज़ों का शहर’ रश्मि रविजा (Rashmi Ravija) का कहानी संग्रह है। इस कहानी (Hindi Kahani) संग्रह में भावनाओं के अलग-अलग द्वार खुलते हैं, फिर वो चाहे प्रेम को ख़ुद से दूर करती तलाक़शुदा महिला हो या महानगर में दिनभर घर में अकेली बातों को तरसती स्त्री हो, एक … Read more

आचार्य चतुरसेन की किताब “ गोली” की समीक्षा

Acharya Chatursen Goli Review

Acharya Chatursen Goli Review :  आज हम यहाँ जिस पुस्तक की चर्चा करना चाहेंगे वो किताब है “गोली”। आचार्य चतुरसेन द्वारा लिखी इस पुस्तक मे राजस्थान की एक पुरानी परंपरा को दर्शाया गया है। इस किताब के अनुसार प्राचीन समय मे ऐसा रिवाज था कि समाज में निचले तबक़े से आने वाली लड़कियों को राजा … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की कहानी “सोहाग का शव” का पहला भाग

सोहाग का शव- मुंशी प्रेमचंद Suhag Ka Shav Premchand भाग-1 मध्यप्रदेश के एक पहाड़ी गाँव में एक छोटे-से घर की छत पर एक युवक मानो संध्या की निस्तब्धता में लीन बैठा था। सामने चन्द्रमा के मलिन प्रकाश में डूबी पर्वतमालाऍं अनन्त के स्वप्न की भाँति गम्भीर रहस्यमय, संगीतमय, मनोहर मालूम होती थीं, उन पहाड़ियों के … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा- जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘अघोरी का मोह’ का पहला भाग

wo humsafar tha वो हम-सफ़र था मगर उससे हम-नवाई न थी Urdu ke Mushkil Lafz Akhtar Ul Iman Shayari Majaz Shayari Famous Barish Shayari Barsaat Shayari Baarish Shayari Hindi Kahani Arghwan Rabbhi Urdu Lafz Aghori Ka Moh Acaharya Ram Chandra Shukl Ki Kahani Gyaarah Varsh Ka Samay Jigar aur dil ko bachana

अघोरी का मोह (Aghori Ka Moh) (जयशंकर प्रसाद) भाग-1 “आज तो भैया, मूँग की बरफी खाने को जी नहीं चाहता, यह साग तो बड़ा ही चटकीला है। मैं तो….” “नहीं-नहीं जगन्नाथ, उसे दो बरफी तो ज़रूर ही दे दो।” “न-न-न। क्या करते हो, मैं गंगा जी में फेंक दूँगा।” “लो, तब मैं तुम्हीं को उलटे … Read more