फ़िराक़ गोरखपुरी की शायरी
Firaq Gorakhpuri Ki Shayari 1. तुम्हें क्यूँकर बताएँ ज़िंदगी को क्या समझते हैं समझ लो साँस लेना ख़ुद-कुशी करना समझते…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Firaq Gorakhpuri Ki Shayari 1. तुम्हें क्यूँकर बताएँ ज़िंदगी को क्या समझते हैं समझ लो साँस लेना ख़ुद-कुशी करना समझते…