रहमान फ़ारिस के बेहतरीन शेर..

Rehman Faris Shayari ~ मैं कार-आमद हूँ या बे-कार हूँ मैं मगर ऐ यार तेरा यार हूँ मैं जो देखा है किसी को मत बताना इलाक़े भर में इज़्ज़त-दार हूँ मैं मेराज फ़ैज़ाबादी के बेहतरीन शेर… नज़र उठाएँ तो क्या क्या फ़साना बनता है सौ पेश-ए-यार निगाहें झुकाना बनता है पराई आग मिरा घर जला … Read more

मेराज फ़ैज़ाबादी के बेहतरीन शेर…

Ameer Minai Best Sher

Meraj Faizabadi Shayari बिखरे बिखरे सहमे सहमे रोज़ ओ शब देखेगा कौन लोग तेरे जुर्म देखेंगे सबब देखेगा कौन ___ आज भी गाँव में कुछ कच्चे मकानों वाले घर में हम-साए के फ़ाक़ा नहीं होने देते __ हमें पढ़ाओ न रिश्तों की कोई और किताब पढ़ी है बाप के चेहरे की झुर्रियाँ हमने __ हम … Read more