रहमान फ़ारिस के बेहतरीन शेर..
Rehman Faris Shayari ~ मैं कार-आमद हूँ या बे-कार हूँ मैं मगर ऐ यार तेरा यार हूँ मैं जो देखा…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Rehman Faris Shayari ~ मैं कार-आमद हूँ या बे-कार हूँ मैं मगर ऐ यार तेरा यार हूँ मैं जो देखा…
Meraj Faizabadi Shayari बिखरे बिखरे सहमे सहमे रोज़ ओ शब देखेगा कौन लोग तेरे जुर्म देखेंगे सबब देखेगा कौन ___…