राहत इन्दौरी के बेहतरीन शेर

Rahat Indori Best Sher

Rahat Indori Best Sher ~ राहत इन्दौरी को इस दौर के बड़े शाइरों में शुमार किया जाता है. उनका जन्म 1 जनवरी 1952 को इंदौर में हुआ. राहत साहब ने अपनी शाइरी से हर उम्र के लोगों का दिल जीता. वो मुशाइरों की शान तो थे ही, साथ ही उनकी किताबों को भी ख़ूब पढ़ा … Read more

मशहूर शाइर राहत इन्दौरी की 10 शानदार ग़ज़लें

Rahat Indori Top Ghazals

Rahat Indori Top Ghazals आज के दौर के मशहूर शायरों की बात की जाए तो उसमें राहत इन्दौरी का नाम ज़रूर आएगा. राहत की शायरी जितना मुशायरों में पसंद की जाती थी उसी तरह से उनकी किताबें भी ख़ूब पसंद की जाती रही हैं. ग़ज़ल 1: अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए … Read more

“ये खटमल ये मक्खी ये मच्छर की दुनिया”- अहमद अल्वी

ये खटमल ये मक्खी ये मच्छर की दुनिया ये लंगूर भालू ये बंदर की दुनिया ये कुत्तों गधों और ख़च्चर की दुनिया ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ये चोरों ये लुच्चों लफ़ंगों की दुनिया ये कमज़ोरों की और दबंगों की दुनिया तप-ए-दिक़ के बीमार चंगों की दुनिया ये दुनिया अगर मिल … Read more

‘मेरे बुज़ुर्गों ने मुझको तहज़ीब सिखाई चार बजे’

बैठे-बिठाए हो गई घर में मार-कुटाई चार बजे मेरे बुज़ुर्गों ने मुझको तहज़ीब सिखाई चार बजे उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दुआ ने काम किया अम्मी और अब्बा ने मिल कर मेरा काम तमाम किया आज मुहल्ले-भर में गूँजी मेरी दुहाई चार बजे मेरे बुज़ुर्गों ने मुझको तहज़ीब सिखाई चार बजे नाहक़ हम … Read more

दो शाइर, दो ग़ज़लें (23): राजेन्द्र मनचंदा बानी और अहमद फ़राज़

अहमद फ़राज़ मनचंदा बानी

(अहमद फ़राज़ मनचंदा बानी) राजेन्द्र मनचंदा “बानी” की ग़ज़ल ऐ दोस्त मैं ख़ामोश किसी डर से नहीं था क़ाइल ही तिरी बात का अंदर से नहीं था हर आँख कहीं दौर के मंज़र पे लगी थी बेदार कोई अपने बराबर से नहीं था क्यूँ हाथ हैं ख़ाली कि हमारा कोई रिश्ता जंगल से नहीं था … Read more

दो शाइर, दो नज़्में(12): मजाज़ और मख़दूम

Hindi Kahani Hairat Maryana Aur Kokster Majaz Shayari Hindi हिन्दी व्याकरण औ और ऑ हिन्दी व्याकरण ओ और औ Shayari Kaise Karte hain

Majaz Shayari Hindi असरार उल हक़ ‘मजाज़’ की नज़्म: बोल! अरी ओ धरती बोल! बोल! अरी ओ धरती बोल! राज सिंघासन डाँवाडोल बादल बिजली रैन अँधयारी दुख की मारी प्रजा सारी बूढ़े बच्चे सब दुखिया हैं दुखिया नर हैं दुखिया नारी बस्ती बस्ती लूट मची है सब बनिए हैं सब ब्योपारी बोल! अरी ओ धरती … Read more

दो शाइर, दो ग़ज़लें (23): असग़र गोंडवी और अल्लामा इक़बाल

Javed ya Zaved असग़र गोंडवी अल्लामा इक़बाल Mohabbat Shayari Nazm Mohabbat Shayari Nazm हिन्दी व्याकरण ए और ऐ Urdu Shayari Meter Zehra Nigah Shayari Best Urdu Shayari Abdul Hamid Adam Shayari wazeer aagha ghazal aise Usne Kaha Tha Hindi Ki Pahli Kahani Satyajeet Ray Ki Kahani Sahpathi Urdu Shayari Tree

असग़र गोंडवी अल्लामा इक़बाल असग़र गोंडवी की ग़ज़ल: जीने का न कुछ होश न मरने की ख़बर है जीने का न कुछ होश न मरने की ख़बर है ऐ शोबदा-पर्दाज़ ये क्या तर्ज़-ए-नज़र है सीने में यहाँ दिल है न पहलू में जिगर है अब कौन है जो तिश्ना-ए-पैकान-ए-नज़र है है ताबिश-ए-अनवार से आलम तह-ओ-बाला … Read more

दो शाइर, दो ग़ज़लें (22): मिर्ज़ा ग़ालिब और परवीन शाकिर…

Best Urdu Rubai Shaam Shayari Har Haqeeqat Majaz Ho Jaye Tagore ki Kahani Bhikharin Parveen Shakir Shayari

Parveen Shakir Shayari उर्दू की बेहतरीन ग़ज़लें (रदीफ़ और क़ाफ़िए की जानकारी के साथ) मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल घर हमारा जो न रोते भी तो वीराँ होता बहर गर बहर न होता तो बयाबाँ होता तंगी-ए-दिल का गिला क्या ये वो काफ़िर-दिल है कि अगर तंग न होता तो परेशाँ होता बाद यक-उम्र-ए-वरा बार तो … Read more

मजरूह सुल्तानपुरी की ग़ज़लें

Majrooh Sultanpuri Ki Ghazal

Majrooh Sultanpuri Ki Ghazal ग़ज़ल 1 डरा के मौज ओ तलातुम से हम-नशीनों को यही तो हैं जो डुबोया किए सफ़ीनों को शराब हो ही गई है ब-क़द्र-ए-पैमाना ब-अज़्म-ए-तर्क निचोड़ा जब आस्तीनों को जमाल-ए-सुब्ह दिया रू-ए-नौ-बहार दिया मिरी निगाह भी देता ख़ुदा हसीनों को हमारी राह में आए हज़ार मय-ख़ाने भुला सके न मगर होश … Read more

दो शाइर, दो नज़्में(11): हबीब जालिब और नून मीम राशिद

Urdu Shayari se jude lafz Urdu ke words Khulasa Habib Jalib Shayari Hindi Parveen Shakir Sardar Jafri Nazm Kya Hoti Hai

Habib Jalib Shayari Hindi हबीब जालिब की नज़्म- औरत बाज़ार है वो अब तक जिस में तुझे नचवाया दीवार है वो अब तक जिस में तुझे चुनवाया दीवार को आ तोड़ें बाज़ार को आ ढाएँ इंसाफ़ की ख़ातिर हम सड़कों पे निकल आएँ मजबूर के सर पर है शाही का वही साया बाज़ार है वो अब … Read more