स्टेशन आने वाला है, जिन यात्रियों को आने वाले स्टेशन पर उतरना है वो अपने-अपने सामान को एक साथ कर रहे हैं। ननकू की मम्मी भी सीट के नीचे रखे सूटकेस को बाहर निकालने लगीं और जो भी छोटा-मोटा सामान बाहर रखा था उसे वो छोटे वाले बैग में रखने लगीं..
ननकू भी अपना सामान इकट्ठा करने लगा..
“मम्मी यहाँ ट्रेन बहुत कम देर रुकेगी क्या?”, ननकू ने साथी यात्रियों की बात सुनते हुए अपनी मम्मी से सवाल किया।
“हाँ बेटा, यहाँ ट्रेन बस 2 मिनट रुकेगी..”, सामान को चेक करते हुए मम्मी ने जवाब दिया।
“फिर तो हमें बहुत जल्दी उतरना होगा..कहीं हम नहीं उतर पाए तो?”
मम्मी ने बैग की चेन बन्द करते हुए ननकू के सर पे हाथ रखा…
“बताओ न मम्मी, कहीं हम नहीं उतर पाए तो..”
“2 मिनट बहुत होते हैं बेटा, और हम इसीलिए तो दरवाज़े पर जाकर खड़े होंगे..तुम दौड़ना नहीं, मैं जब उतरूँ तभी उतरना..समझे?”
ननकू ने मम्मी की बात में हाँ में हाँ मिलाया।
ट्रेन ने अपनी रफ़्तार कम कर दी है और ननकू अपनी मम्मी के साथ दरवाज़े के पास पहुँच गया लेकिन कई और लोग भी उतरने वाले हैं। एक पति-पत्नी अपने दो बच्चों के साथ गेट पर खड़े हैं और दरवाज़े के ठीक सामने उन्होंने अपने बैग लगा दिए हैं, ननकू की नज़र उनके बैग पर पड़ी तो वो उन्हें गिनने लगा।
“1,2, 3,4…मम्मी इन अंकल के पास तो बहुत सारे बैग हैं..2 मिनट में तो मुश्किल हो जाएगी”, मम्मी ने उसके गालों को एक हाथ से प्यार करते हुए कहा,”सब उतर जाएँगे आराम से”।
जैसे ही ट्रेन रुकी, दरवाज़े के ठीक सामने खड़े पति-पत्नी अपने सामान को उतारने लगे, ननकू की मम्मी के पीछे खड़े आदमी ने उन्हें साइड से हटने को कहा..
“भाईसाब, हम भी उतरेंगे”
“तो उतरिए न..”
“सामने वाले उतर जाएँ”
“अरे…आप हटिए…”, वो आदमी ननकू और उसकी मम्मी को साइड करते हुए आगे चला गया और सामने के पति-पत्नी को भी हटाते हुए उतर गया… अब उनका एक ही बैग और बाक़ी था लेकिन ट्रेन ने हॉर्न दे दिया..
ननकू ने घबराते हुए कहा,”मम्मी ट्रेन चलने वाली है…मम्मी”
मम्मी उनके दोनों बच्चों को उतारने में मदद कर रही थीं, फिर उन्होंने अपना सामान उन्हें दिया। ननकू और मम्मी भी जल्दी से उतर गए…
ट्रेन चल दी।
ननकू की मम्मी ने पति-पत्नी को धन्यवाद दिया…
स्टेशन से बाहर निकलते हुए ननकू ने मम्मी से सवाल किया,”मम्मी, अगर वो अंकल-आंटी आगे न खड़े होते तो हम आसानी से उतर जाते, है न?”
“हाँ बेटा, लेकिन उन्हें भी तो उतरना था..हम तो उतर गए न, मज़ा भी तो आया न…कैसे जल्दी-जल्दी उतरना पड़ा…”
“पर मम्मी, इसमें ट्रेन चल देती तो…”
“तो हम चेन खींच देते और ट्रेन रुक जाती..”
“अच्छा, वो कैसे?” ननकू ने मम्मी से उत्सुकता के साथ पूछा।
“हमारी सीट के ऊपर एक लाल रँग की चेन थी न, उसे खींचो तो ट्रेन रुक जाती है..”
“अच्छा… !! फिर तो बड़ा मज़ा आता”
“लेकिन ये नानी को या पापा को मत बताना, ये हमारा टॉप सीक्रेट है” मम्मी ने रुक कर कहा।
“यस मम्मी, टॉप सीक्रेट है ये तो”
मम्मी ने पास खड़े टैक्सी वाले को बुलाया और दोनों नानी के घर जाने के लिए गाड़ी में सवार हो गए।