fbpx
Sudarshan Fakir Shayari Urdu Poetry Meterwww.sahityaduniya.com

Sudarshan Fakir Shayari
इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया
वर्ना क्या बात थी किस बात ने रोने न दिया

आप कहते थे कि रोने से न बदलेंगे नसीब
उम्र भर आप की इस बात ने रोने न दिया

रोने वालों से कहो उनका भी रोना रो लें
जिनको मजबूरी-ए-हालात ने रोने न दिया

तुझसे मिल कर हमें रोना था बहुत रोना था
तंगी-ए-वक़्त-ए-मुलाक़ात ने रोने न दिया

एक दो रोज़ का सदमा हो तो रो लें ‘फ़ाकिर’
हमको हर रोज़ के सदमात ने रोने न दिया

~ सुदर्शन फ़ाकिर

Sudarshan Fakir Shayari

शब्दकोश

International Cricket Schedule 2023 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *