Mere kamre ko sajane ki tamanna hai tumhen ~ जौन एलिया
नज़्म- रम्ज़ (जौन एलिया)
तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे
मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं
मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं
इन किताबों ने बड़ा ज़ुल्म किया है मुझ पर
इनमें इक रम्ज़ है जिस रम्ज़ का मारा हुआ ज़ेहन
मुज़्दा-ए-इशरत-ए-अंजाम नहीं पा सकता
ज़िंदगी में कभी आराम नहीं पा सकता
जौन एलिया के बेहतरीन शेर
जौन एलिया की किताब “शायद” की समीक्षा
राहत इन्दौरी के बेहतरीन शेर
अख़्तर शीरानी की नज़्म ‘ऐ इश्क़ हमें बर्बाद न कर’
दकनी शायर: बीजापुर और गोलकुंडा के दरबार की शायरी
___________
رمز
تم جب آؤگی تو کھویا ہوا پاؤگی مجھے
میری تنہائی میں خوابوں کے سوا کچھ بھی نہیں
میرے کمرے کو سجانے کی تمنا ہے تمہیں
میرے کمرے میں کتابوں کے سوا کچھ بھی نہیں
ان کتابوں نے بڑا ظلم کیا ہے مجھ پر
ان میں اک رمز ہے جس رمز کا مارا ہوا ذہن
مژدۂ عشرت انجام نہیں پا سکتا
زندگی میں کبھی آرام نہیں پا سکتا
~
جون ایلیا
रहमान फ़ारिस के बेहतरीन शेर
Mere kamre ko sajane ki tamanna hai tumhen ~ जौन एलिया
ज़ुल्फ़ पर बेहतरीन शेर..
लखनऊ पर बेहतरीन शेर