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Husn ShayariFlaming_June,_by_Frederic_Lord_Leighton_(1830-1896)

Husn Shayari

किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोका है सब मगर फिर भी

फ़िराक़ गोरखपुरी
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तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं
महफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जाता है

साहिर लुधियानवी

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उस हुस्न के सच्चे मोती को हम देख सकें पर छू न सकें
जिसे देख सकें पर छू न सकें वो दौलत क्या वो ख़ज़ाना क्या

इब्न-ए-इंशा

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गुलज़ार के बेहतरीन शेर..

इश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम है
हुस्न ख़ुद बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए

असरार-उल-हक़ मजाज़

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अपनी अना की आज भी तस्कीन हमने की
जी भर के उसके हुस्न की तौहीन हमने की

इक़बाल साजिद

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तुम्हारा हुस्न आराइश तुम्हारी सादगी ज़ेवर
तुम्हें कोई ज़रूरत ही नहीं बनने सँवरने की

असर लखनवी

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आईने में वो देख रहे थे बहार-ए-हुस्न
आया मिरा ख़याल तो शर्मा के रह गए

हसरत मोहानी

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लखनवी शायरी ~ सैयद इंशा अल्लाह ख़ाँ ‘इंशा’

मुस्कुराहट है हुस्न का ज़ेवर
मुस्कुराना न भूल जाया करो

अब्दुल हमीद अदम

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हम अपना इश्क़ चमकाएँ तुम अपना हुस्न चमकाओ
कि हैराँ देख कर आलम हमें भी हो तुम्हें भी हो

बहादुर शाह ज़फ़र

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हुस्न इक दिलरुबा हुकूमत है
इश्क़ इक क़ुदरती ग़ुलामी है

अब्दुल हमीद अदम

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उमैर नज्मी के बेहतरीन शेर…

हुस्न आफ़त नहीं तो फिर क्या है
तू क़यामत नहीं तो फिर क्या है

जलील मानिकपूरी

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तहज़ीब हाफ़ी के बेहतरीन शेर

Husn Shayari

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