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Ahmad Faraz Ki Shayari Urdu Ke Pahle ShayarAhmad Faraz Ki Shayari

Ehsaas Shayari

अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझको
मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं

आसी उल्दनी (Aasi Uldani)
~

अपनी तस्वीर बनाओगे तो होगा एहसास
कितना दुश्वार है ख़ुद को कोई चेहरा देना

अज़हर इनायती (Azhar Inayati)

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तन्हाई के लम्हात का एहसास हुआ है
जब तारों भरी रात का एहसास हुआ है

नसीम शाहजहाँपुरी (Naseem Shahjahanpuri)

~
अदा शायरी

अब तो ये भी नहीं रहा एहसास
दर्द होता है या नहीं होता

जिगर मुरादाबादी (Jigar Muradabadi)

~

अपने एहसास से छू कर मुझे संदल कर दो
मैं कि सदियों से अधूरा हूँ मुकम्मल कर दो

वसी शाह (Wasi Shah)

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तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मिरे पास रह गया

अब्दुल हमीद अदम (Abdul Hamid Adam)

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अख़बार शायरी

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता

गुलज़ार (Gulzar)

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इस तरह निगाहें मत फेरो, ऐसा न हो धड़कन रुक जाए
सीने में कोई पत्थर तो नहीं एहसास का मारा, दिल ही तो है

साहिर लुधियानवी (Sahir Ludhiyanwi)

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मुझे ये डर है दिल-ए-ज़िंदा तू न मर जाए
कि ज़िंदगानी इबारत है तेरे जीने से

ख़्वाजा मीर दर्द (Khwaja Mir Dard)

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एहसास की ख़ुशबू कहाँ आवाज़ के जुगनू कहाँ
ख़ामोश यादों के सिवा घर में रहा कुछ भी नहीं

बशीर बद्र (Bashir Badr)

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ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है
रहे सामने और दिखाई न दे

बशीर बद्र (Bashir Badr)

~
ज़िंदगी जैसी तवक़्क़ो’ थी नहीं कुछ कम है
हर घड़ी होता है एहसास कहीं कुछ कम है

शहरयार (Shaharyar)

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रेज़ा रेज़ा कर दिया जिसने मिरे एहसास को
किस क़दर हैरान है वो मुझको यकजा देख कर

ख़ुशबीर सिंह शाद (Khushbir Singh Shad)

~

आगही कर्ब वफ़ा सब्र तमन्ना एहसास
मेरे ही सीने में उतरे हैं ये ख़ंजर सारे

बशीर फ़ारूक़ी (Bashir Farooqui)

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मिरे अंदर कई एहसास पत्थर हो रहे हैं
ये शीराज़ा बिखरना अब ज़रूरी हो गया है

ख़ुशबीर सिंह शाद (Khushbir SIngh Shad)

~

मैं उस के सामने से गुज़रता हूँ इस लिए
तर्क-ए-तअल्लुक़ात का एहसास मर न जाए

फ़ना निज़ामी कानपुरी (Fana Nizami Kanpuri)

~

मौत की पहली अलामत साहिब
यही एहसास का मर जाना है

इदरीस बाबर (Idrees Babar)

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कैसी बिपता पाल रखी है क़ुर्बत की और दूरी की
ख़ुशबू मार रही है मुझ को अपनी ही कस्तूरी की

नईम सरमद (Naeem Sarmad)

~
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है
रहे सामने और दिखाई न दे

बशीर बद्र (Bashir Badr)
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Ehsaas Shayari

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