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Breakup shayari Ab Aur Kya Kisi Se Marasim Badhayen Hum Koo Ba Koo Phail Gayi Baat Shanasayi Ki Rehman Faris Shayari Zulf ShayariBreakup shayari

परवीन शाकिर की ग़ज़ल:
Koo Ba Koo Phail Gayi Baat Shanasayi Ki

कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की,
उसने ख़ुशबू की तरह मेरी पज़ीराई की

कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उसने
बात तो सच है मगर बात है रुसवाई की

वो कहीं भी गया लौटा तो मिरे पास आया
बस यही बात है अच्छी मिरे हरजाई की

तेरा पहलू तिरे दिल की तरह आबाद रहे
तुझ पे गुज़रे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की

उसने जलती हुई पेशानी पे जब हाथ रखा
रूह तक आ गई तासीर मसीहाई की

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की

[रदीफ़- की]
[क़ाफ़िया- शनासाई, पज़ीराई, रुसवाई, हरजाई, तन्हाई, मसीहाई, अंगडाई]
Koo Ba Koo Phail Gayi Baat Shanasayi Ki

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हसरत मोहानी की ग़ज़ल:

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है,
हमको अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है

बार बार उठना उसी जानिब निगाह-ए-शौक़ का,
और तिरा ग़ुर्फ़े से वो आँखें लड़ाना याद है

तुझसे कुछ मिलते ही वो बेबाक हो जाना मिरा,
और तिरा दाँतों में वो उँगली दबाना याद है

खींच लेना वो मिरा पर्दे का कोना दफ़अ’तन,
और दुपट्टे से तिरा वो मुँह छुपाना याद है

जान कर सोता तुझे वो क़स्द-ए-पा-बोसी मिरा,
और तिरा ठुकरा के सर वो मुस्कुराना याद है

तुझ को जब तन्हा कभी पाना तो अज़-राह-ए-लिहाज़
हाल-ए-दिल बातों ही बातों में जताना याद है

ग़ैर की नज़रों से बच कर सब की मर्ज़ी के ख़िलाफ़
वो तिरा चोरी-छुपे रातों को आना याद है

आ गया गर वस्ल की शब भी कहीं ज़िक्र-ए-फ़िराक़
वो तिरा रो रो के मुझ को भी रुलाना याद है

दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिए,
वो तिरा कोठे पे नंगे पाँव आना याद है

आज तक नज़रों में है वो सोहबत-ए-राज़-ओ-नियाज़
अपना जाना याद है तेरा बुलाना याद है

मीठी मीठी छेड़ कर बातें निराली प्यार की
ज़िक्र दुश्मन का वो बातों में उड़ाना याद है

देखना मुझ को जो बरगश्ता तो सौ सौ नाज़ से
जब मना लेना तो फिर ख़ुद रूठ जाना याद है

चोरी चोरी हमसे तुम आ कर मिले थे जिस जगह,
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है

शौक़ में मेहंदी के वो बे-दस्त-ओ-पा होना तिरा
और मिरा वो छेड़ना वो गुदगुदाना याद है

बावजूद-ए-इद्दिया-ए-इत्तिक़ा ‘हसरत’ मुझे,
आज तक अहद-ए-हवस का वो फ़साना याद है

[रदीफ़- याद है]
[क़ाफ़िए- बहाना, ज़माना, लड़ाना, दबाना, छुपाना, मुस्कुराना, जताना, आना, रुलाना, आना, बुलाना, उडाना, जाना, ठिकाना, गुदगुदाना, फ़साना]

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