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रसगुल्ला को अपने बिस्तर पर साथ लिटाए ननकू अलग सी सोच में गुम था। उसने रसगुल्ला की पीठ पर हाथ फेरते हुए मन ही मन कहा,”यार, ऐसे तो माँ को पता चल जाएगा लेकिन दादी…”
इतना सोचते ही अचानक उसके ज़हन में कोई ख़याल आया और वो जल्दी से हॉल में आया, रसगुल्ला भी ननकू के पीछे-पीछे चल पड़ा… ननकू की नज़र सोफ़े के पीछे रखे फ़ोन पर थी लेकिन वहीं माँ बैठी थीं। माँ ने सवाल किया…
“क्या हुआ ननकू? कुछ चाहिए?”
“न..न, माँ हम तो खेल रहे थे, रसगुल्ला ने कहा कि बाहर चलो तो हम बाहर आ गए”
“अरे वाह, अब तो रसगुल्ला की बात ननकू को पूरी तरह समझ आने लगी”
रसगुल्ला ने भी हाँ में पूँछ हिलाई..
“कुछ खाओगे तुम लोग? आओ बैठो तो…”, माँ ने प्यार से सवाल किया..
“माँ…नानी कहाँ गईं?”
“गाँव में ही किसी से मिलने गई हैं, अभी आ जाएँगी… क्यूँ, कोई बात है क्या?”
” नहीं तो कोई बात नहीं..”
ननकू की झिझक से माँ समझ चुकी थीं कि कुछ तो बात है लेकिन ननकू बताना नहीं चाह रहा है। माँ ने अनजान बनते हुए दोनों को पास बुलाया और फिर उनके लिए खाने का इंतज़ाम किया।
अब तो माँ भी सोचने लगीं कि ऐसी कौन सी बात है जो ननकू उनसे भी छुपा रहा है। माँ ने लाड दिखाते हुए ननकू को बाहों में भर लिया,”कुछ परेशान है मेरा बच्चा?, बताओ क्या हुआ..माँ से तो बताते ही हैं न”
“पर सीक्रेट थोड़े बताते हैं”, एक बार को ननकू के मुँह से निकल गया…
“अच्छा..सी..क्रेट है…तो क्या सीक्रेट है?”, ननकू के बालों पर हाथ फेरते हुए माँ ने कहा..
“हमारी टीचर ने बताया है कि सीक्रेट किसी को नहीं बताते”, ननकू ने फट से जवाब दिया.
“अच्छा…माँ से भी नहीं?”
“अच्छा… क्या सीक्रेट माँ से बता देते हैं?” भोले ननकू ने माँ की बात को समझने की कोशिश करते हुए कहा..
“हाँ… माँ से तो बता देते हैं”
ननकू ने एक बार को माँ की आँखों में देखा, दोनों को प्यार आया…
“माँ वो दादी हैं न…” ननकू बताने ही जा रहा था कि…
“क्या हुआ ननकू की दादी को…” दरवाज़े से अंदर आते ही नानी ने माँ-बेटे की बात में अपनी उत्सुकता जताते हुए कहा…
ननकू भाग कर नानी के पास गया और रसगुल्ला भी पीछे पीछे दौड़ा…
नानी ने ननकू को गोद में ले लिया..”हाँ.. तो क्या हुआ दादी को”
“नानी, तुम कहाँ गईं थीं?” ननकू ने नई बात छेड़ते हुए कहा।
“पास में एक नानी रहती हैं न, उनको कुछ सामान लेना था तो उनके साथ गई थी..”
माँ ने नानी की गोद से ननकू को उतारा और उन्हें आराम करने को कहा,”तुम बैठो माँ, मैं चाय बनाती हूँ तुम्हारे लिए”।
ननकू की माँ और नानी दोनों खिड़की के पास कुर्सियाँ लगा कर चाय पी रहे हैं…
“माँ, ननकू कुछ छुपा रहा है…” ननकू की माँ ने ननकू की नानी से चिंता के साथ कहा…
चाय की प्याली को कुर्सी के पास ज़मीन पर रखते हुए नानी ने कहा,”उसका कुछ सीक्रेट होगा, तुम परेशान मत हो….”
नानी ने इन्हीं बातों के बीच माँ के कन्धे पर हाथ रखकर उन्हें ननकू की तरफ़ देखने को कहा…
“देखो, बस उत्सुकता है परेशान नहीं है…तुम भी परेशान मत हो…हमारे ननकू का कुछ तो अच्छा सा सीक्रेट होगा”

(हमें पता है कि आप भी ननकू की माँ और नानी की तरह इस बात को जानना चाह रहे होंगे कि नन्हे ननकू का सीक्रेट आख़िर क्या है और रसगुल्ला के साथ ननकू क्या प्लानिंग कर रहा है… इन सारी बातों का राज़ खुलेगा ‘ननकू के क़िस्से’ की अगली कड़ी में…)

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