घनी कहानी, छोटी शाखा- सत्यजीत राय की कहानी ‘सहपाठी’ का पहला भाग

Javed ya Zaved असग़र गोंडवी अल्लामा इक़बाल Mohabbat Shayari Nazm Mohabbat Shayari Nazm हिन्दी व्याकरण ए और ऐ Urdu Shayari Meter Zehra Nigah Shayari Best Urdu Shayari Abdul Hamid Adam Shayari wazeer aagha ghazal aise Usne Kaha Tha Hindi Ki Pahli Kahani Satyajeet Ray Ki Kahani Sahpathi Urdu Shayari Tree

सहपाठी – सत्यजीत राय Satyajeet Ray Ki Kahani Sahpathi भाग-1 अभी सुबह के सवा नौ बजे हैं। मोहित सरकार ने गले में टाई का फंदा डाला ही था कि उस की पत्नी अरुणा कमरे में आई और बोली- “तुम्हारा फोन” “अब अभी कौन फोन कर सकता है भला!” मोहित का ठीक साढ़े नौ बज़े दफ़्तर … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा- जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘अघोरी का मोह’ का अंतिम भाग

Best Urdu Rubai Shaam Shayari Har Haqeeqat Majaz Ho Jaye Tagore ki Kahani Bhikharin Parveen Shakir Shayari

अघोरी का मोह Aghori Ka Moh Kahani (जयशंकर प्रसाद) भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा..गंगा घाट पर ललित और किशोर की मुलाक़ात होती है। सामाजिक धन वैभव की कमी न होने पर भी ललित का मन दुखी और गम्भीर है, इसका कारण कोई नहीं जानता, किशोर भी नहीं। फिर भी ललित को किशोर के साथ एक … Read more

“शृ” और “श्री” में अंतर

Shayari Kya Hai? Qafiya शृ और श्री में अंतर

शृ और श्री में अंतर : हिंदी भाषा के सबसे सरल होने के बावजूद, इसके कुछ शब्द ऐसे हैं जो उच्चारण के कारण या अन्य कारण से दूसरे शब्दों का आभास देते हैं और हम इन्हें लिखने में ग़लतियाँ करते हैं। आज हम ऐसा ही एक शब्द चुनकर लाए हैं जिसमें अक्सर ग़लतियाँ देखने मिलती … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा- जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘अघोरी का मोह’ का पहला भाग

wo humsafar tha वो हम-सफ़र था मगर उससे हम-नवाई न थी Urdu ke Mushkil Lafz Akhtar Ul Iman Shayari Majaz Shayari Famous Barish Shayari Barsaat Shayari Baarish Shayari Hindi Kahani Arghwan Rabbhi Urdu Lafz Aghori Ka Moh Acaharya Ram Chandra Shukl Ki Kahani Gyaarah Varsh Ka Samay Jigar aur dil ko bachana

अघोरी का मोह (Aghori Ka Moh) (जयशंकर प्रसाद) भाग-1 “आज तो भैया, मूँग की बरफी खाने को जी नहीं चाहता, यह साग तो बड़ा ही चटकीला है। मैं तो….” “नहीं-नहीं जगन्नाथ, उसे दो बरफी तो ज़रूर ही दे दो।” “न-न-न। क्या करते हो, मैं गंगा जी में फेंक दूँगा।” “लो, तब मैं तुम्हीं को उलटे … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा- रबीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी “भिखारिन” का अंतिम भाग

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Tagore ki Kahani Bhikharin भिखारिन (रवीन्द्रनाथ टैगोर) घनी कहानी, छोटी शाखा- रबीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी “भिखारिन” का पहला भाग भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा कि एक अंधी भिखारिन जीवनयापन के लिए मंदिर और रास्ते में भिक्षा माँगती है। उसके जीने की आस एक छोटा-सा बालक है जो उसे एक दिन रास्ते में मिला था। वो … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा- रबीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी “भिखारिन” का पहला भाग

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भिखारिन (रबीन्द्रनाथ टैगोर) भाग-1 Bhikharin Kahani अन्धी प्रतिदिन मन्दिर के दरवाजे पर जाकर खड़ी होती, दर्शन करने वाले बाहर निकलते तो वह अपना हाथ फैला देती और नम्रता से कहती- “बाबूजी, अन्धी पर दया हो जाए” वह जानती थी कि मन्दिर में आने वाले सहृदय और श्रध्दालु हुआ करते हैं। उसका यह अनुमान असत्य न … Read more

घनी कहानी,छोटी शाखा: उषा प्रियम्वदा की कहानी “वापसी” का अंतिम भाग

Usha Priyamvada ki Kahaani Waapsi

Usha Priyamvada ki Kahaani Waapsi : वापसी (उषा प्रियम्वदा) घनी कहानी, छोटी शाखा: उषा प्रियम्वदा की कहानी ‘वापसी’ का पहला भाग.. घनी कहानी,छोटी शाखा: उषा प्रियम्वदा की कहानी “वापसी” का दूसरा भाग घनी कहानी,छोटी शाखा: उषा प्रियम्वदा की कहानी “वापसी” का तीसरा भाग भाग-4 (अब तक आपने पढ़ा..अपनी नौकरी के कारण वर्षों घर-परिवार से दूर … Read more

घनी कहानी,छोटी शाखा: उषा प्रियम्वदा की कहानी “वापसी” का तीसरा भाग

Usha Priyamvada Kahaani Waapsi

Usha Priyamvada Kahaani Waapsi वापसी (उषा प्रियम्वदा) घनी कहानी, छोटी शाखा: उषा प्रियम्वदा की कहानी ‘वापसी’ का पहला भाग.. घनी कहानी,छोटी शाखा: उषा प्रियम्वदा की कहानी “वापसी” का दूसरा भाग भाग-3 (अब तक आपने पढ़ा..रिटायरमेंट के बाद अपने परिवार के साथ रहने पहुँचे गजाधर बाबू को परिवार में अपनी वो जगह नहीं मिलती, जिसकी वो … Read more

घनी कहानी,छोटी शाखा: उषा प्रियम्वदा की कहानी “वापसी” का दूसरा भाग

Usha Priyamvada Kahani Waapsi

Usha Priyamvada Kahani Waapsi वापसी (उषा प्रियम्वदा) घनी कहानी, छोटी शाखा: उषा प्रियम्वदा की कहानी ‘वापसी’ का पहला भाग.. भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा..अपनी रेलवे की नौकरी के कारण वर्षों परिवार से दूर अकेले रहते गजाधर बाबू, रिटायरमेंट के बाद परिवार के साथ ख़ुशनुमा वक़्त बिताने के सपने लिए घर पहुँचते हैं। लेकिन परिवार से सालों … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: उषा प्रियम्वदा की कहानी ‘वापसी’ का पहला भाग..

Usha Priyamvada Kahani Wapsi

Usha Priyamvada Kahani Wapsi वापसी (उषा प्रियम्वदा) भाग-1 गजाधर बाबू ने कमरे में जमा सामान पर एक नज़र दौड़ाई – दो बक्‍से, डोलची, बालटी – “यह डिब्बा कैसा है, गनेशी?” उन्होंने पूछा। गनेशी बिस्तर बाँधता हुआ, कुछ गर्व, कुछ दुःख, कुछ लज्जा से बोला, “घरवाली ने साथ को कुछ बेसन के लड्डू रख दिए हैं। कहा, … Read more