घनी कहानी, छोटी शाखा- सत्यजीत राय की कहानी ‘सहपाठी’ का पहला भाग
सहपाठी – सत्यजीत राय Satyajeet Ray Ki Kahani Sahpathi भाग-1 अभी सुबह के सवा नौ बजे हैं। मोहित सरकार ने गले में टाई का फंदा डाला ही था कि उस की पत्नी अरुणा कमरे में आई और बोली- “तुम्हारा फोन” “अब अभी कौन फोन कर सकता है भला!” मोहित का ठीक साढ़े नौ बज़े दफ़्तर … Read more