अरग़वान रब्बही के शेर…

Arghwan Rabbhi Shayari है इक तमीज़ कि बाहर निकल नहीं सकता, तुम्हारा हाथ पकड़ कर मैं चल नहीं सकता अरग़वान ____ बदल गया जो ज़माने की आज़माइश से, मिरे अज़ीज़ ! वो दुनिया बदल नहीं सकता अरग़वान ___ बदल के शाम भी साया निकल नहीं सकती, उधर जो लाश पड़ी है वो चल नहीं सकती … Read more

बेवफ़ाई पर ख़ूबसूरत शेर

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Bewafai Shayari काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें उस बेवफ़ा को भूल न जाएँ तो क्या करें अख़्तर शीरानी _____ जो मिला उसने बेवफ़ाई की कुछ अजब रंग है ज़माने का मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी _____ इक अजब हाल है कि अब उसको याद करना भी बेवफ़ाई है जौन एलिया _____ हमने तो … Read more

तहज़ीब हाफ़ी की ग़ज़लें

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Tehzeeb Hafi Shayari Hindi ग़ज़ल 1: इस एक डर से ख़्वाब देखता नहीं मैं जो भी देखता हूँ भूलता नहीं माँ पर बेहतरीन शेर.. किसी मुंडेर पर कोई दिया जला फिर इस के बाद क्या हुआ पता नहीं अभी से हाथ काँपने लगे मिरे अभी तो मैं ने वो बदन छुआ नहीं मैं आ रहा … Read more