ख़्वाब पर बेहतरीन शेर…

Khwab Shayari

Khwab Shayari इक मुअम्मा है समझने का न समझाने का ज़िंदगी काहे को है ख़्वाब है दीवाने का फ़ानी बदायुनी __ अपनी ताबीर के चक्कर में मिरा जागता ख़्वाब रोज़ सूरज की तरह घर से निकल पड़ता है राहत इंदौरी __ आँखों में जो भर लोगे तो काँटों से चुभेंगे ये ख़्वाब तो पलकों पे … Read more

सच पर बेहतरीन शेर..

University Shayari

Sach Shayari ~ सादिक़ हूँ अपने क़ौल का ‘ग़ालिब’ ख़ुदा गवाह कहता हूँ सच कि झूठ की आदत नहीं मुझे मिर्ज़ा ग़ालिब __ झूठ के आगे पीछे दरिया चलते हैं सच बोला तो प्यासा मारा जाएगा वसीम बरेलवी __ इश्क़ में कौन बता सकता है किसने किससे सच बोला है अहमद मुश्ताक़ __ जी बहुत … Read more