fbpx
Shariq Siddiqui ShayariShariq Siddiqui

Shariq Siddiqui Shayari ~ शारिक़ सिद्दीक़ी उत्तराखंड के काशीपुर से हैं. पेशे से अध्यापक शारिक़ मुशाइरों में भी शिरकत करते हैं. उनके चुनिन्दा अशआर हम यहाँ पेश कर रहे हैं-

मेरे जुनून ने बख़्शी है ज़िन्दगी मुझको,
अगर मैं होश में होता तो मर गया होता
__

अधूरी रह गई है नींद लेकिन
हमारा खा़ब पूरा हो गया है
__

फिर अना को सर झुकाना पड़ गया
आपका नंबर मिलाना पड़ गया
__

जावेद अख़्तर के बेहतरीन शेर…

घर से निकला था मैं तुमको ढूंढने
रास्ते मे फिर ज़माना पड़ गया
__

वो वापस ही नहीं आया पलटकर
वो ज़िदी था मगर इतना नहीं था
__

बिछड़ कर आपसे जिंदा रहेंगे
बिछड़ते वक़्त अंदाज़ा नहीं था
__

मेरे कमरे मे तन्हाई बहुत थी
मेरे कमरे मे दरवाज़ा नहीं था
__

दवाएं भी असर कब कर रहीं थी
मुझे भी ठीक ही होना नहीं था
__

मेरी आँखें जो तुमसे कह गयी हैं
मुझे हरगिज़ भी वो कहना नहीं था
__

ख़ुशी से क़ैद कर लेना हमें पर
क़फ़स में एक रोशनदान रखना
__

इतनी हिम्मत नहीं थी दरिया में,
हमने ख़ुद कश्तियाँ डुबोई हैं
__

अब ग़मों से और कुछ हासिल करो
शेर कहना तो सभी को आ गया
__

तुम ज़माने से छीन लाओ उसे,
रोने धोने से कुछ नहीं होगा

मुनव्वर राना के बेहतरीन शेर
अपनी शायरी में इन शब्दों का बार-बार इस्तेमाल करते हैं तहज़ीब हाफ़ी…

~ Shariq Siddiqui Shayari

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *