कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता …. निदा फ़ाज़ली
Nida Fazli Ki Shayari कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता तमाम शहर में…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Nida Fazli Ki Shayari कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता तमाम शहर में…
Bahadur Shah Zafar Shayari बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी जैसी अब है तिरी महफ़िल कभी ऐसी…
(अहमद फ़राज़ मनचंदा बानी) राजेन्द्र मनचंदा “बानी” की ग़ज़ल ऐ दोस्त मैं ख़ामोश किसी डर से नहीं था क़ाइल ही…
असग़र गोंडवी अल्लामा इक़बाल असग़र गोंडवी की ग़ज़ल: जीने का न कुछ होश न मरने की ख़बर है जीने का…
Parveen Shakir Shayari उर्दू की बेहतरीन ग़ज़लें (रदीफ़ और क़ाफ़िए की जानकारी के साथ) मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल घर हमारा…
Majrooh Sultanpuri Ki Ghazal ग़ज़ल 1 डरा के मौज ओ तलातुम से हम-नशीनों को यही तो हैं जो डुबोया किए…
Dushyant Kumar Shayari दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल: ये जो शहतीर है पलकों पे उठा लो यारो ये जो शहतीर है…
Qateel Shifai Daagh Dehlvi क़तील शिफ़ाई की ग़ज़ल: दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं दिल पे आए हुए…
Majaz Ki Shayari ~ असरार उल हक़ ‘मज़ाज’ की कुछ ग़ज़लें यहाँ हम पेश कर रहे हैं। मुलाहिज़ा फ़रमाएँ –…
परवीन शाकिर की ग़ज़ल: Koo Ba Koo Phail Gayi Baat Shanasayi Ki कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की, उसने ख़ुशबू…