औड्रेय निफ़्फ़नेगर की किताब “द टाइम ट्रेवलर्स वाइफ़” की समीक्षा

The Time Traveler's Wife Review

The Time Traveler’s Wife Review –  ”द टाइम ट्रेवलर्स वाइफ़” जब इस किताब को पढ़ना शुरू किया तो मुझे ये बुक थोड़ी अजीब लगी। पर जैसे-जैसे किताब के पन्ने पलटते गए इस अजीब-सी लगने वाली बुक ने मुझे ख़ुद से बाँध लिया…जब भी समय मिलता इस किताब को पढ़ने में ही जाता और धीरे-धीरे न … Read more

गुलज़ार की किताब “ड्योढ़ी” की समीक्षा

Dyodhi Review

Dyodhi Review

“किताबों से कभी गुज़रो तो यूँ किरदार मिलते हैं
गए वक़्त की ड्योढ़ी में खड़े कुछ यार मिलते हैं”

बस कुछ इसी तरह कई किरदारों से मुलाक़ात हुई गुलज़ार की लिखी “ड्योढ़ी” को पढ़ते हुए. यूँ तो गुलज़ार के शब्दों को कई बार सुना है पर उन्हें पहली बार पढ़ा.
ड्योढ़ी कई छोटी कहानियों का संग्रह है और हर पहली कहानी दूसरी से बिलकुल अलग लगती है। इस एक संग्रह में गुलज़ार आपको कभी सीमा पार ले जाते हैं तो कभी आसमान की सैर करवाते हैं, कभी बचपन की मासूमियत से रुबरु करवाते हैं तो कभी फुटपाथ पर पलती ज़िन्दगी की मुश्किलों का अहसास करवाते हैं,कभी पहाड़ों की सैर करवाते हैं तो कभी आसमान में पतंग के साथ गोते लगवाते हैं। ज़िन्दगी में जिस तरह कई रंगों का समावेश है उसी तरह ये संग्रह भी आपको कभी ख़ुश, कभी भावुक तो कभी ठहाके मारने पर मजबूर करता है।

Read more

राईशा लालवानी की किताब “The diary on the Fifth Floor” की समीक्षा

The diary on the Fifth Floor Review

The diary on the Fifth Floor Review ~ Raisha Lalwani इन दिनों हम कितनी बेवजह की उलझनों में उलझे रहते हैं..।इन मानसिक उलझनों का हल हमारे पास ही है बस वो कहीं नज़र नहीं आता और हम इन उलझनों को सुलझाने की बजाय और ज़्यादा उलझते जाते हैं। कुछ समझ नहीं आता और पता भी … Read more

‘आपका बंटी’- मन्नू भंडारी (समीक्षा)

Aapka Bunty Review

Aapka Bunty Review ~ “बस चली तो सबके बीच हँसते-बतियाते उसे ऐसा लगा जैसे सारे दिन ख़ूब सारी पढ़ाई करके घर की ओर लौट रहा है; तभी ख़याल आया- “धत्त वो तो स्कूल जा रहा है” इस एक वाक्य में बंटी के मन की मनस्थिति ज़ाहिर हो जाती है। जब आपको घर से ज़्यादा, बाहर आनंद … Read more

सिकंदर की दूसरी किताब रिलीज़- ‘बदन से पहली मुलाक़ात याद है तुमको…. हमारा इश्क़ है उस वाक़ये से पहले का’

Doosra Ishq Review

Doosra Ishq Review ~ मौजूदा दौर में अच्छी शा’इरी करने वालों की तादाद कम हो गयी है लेकिन अभी भी मंज़र-ए-आम पर कुछ ऐसे शा’इर मौजूद हैं जो अपनी शानदार शा’इरी से लोगों का मन-मोह रहे हैं. ऐसे ही एक शा’इर हैं इरशाद ख़ान ‘सिकंदर'(Irshad Khan Sikandar) , सिकंदर की किताब ‘दूसरा इश्क़’ मंज़र-ए-आम पर आ चुकी है. राजपाल प्रकाशन से प्रकाशित हुई ‘दूसरा इश्क़’ किताब का रस्म-ए-इजरा ‘विश्व पुस्तक मेला’ में हुआ. 10 जनवरी को विश्व पुस्तक मेले में किताब का रस्मे-इजरा गौहर रज़ा,कुलदीप सलिल और मीरा जौहरी जी के हाथों हुआ. इसके पहले सिकंदर की ‘आंसुओं का तर्जुमा’ भी मंज़र-ए-आम पर आ चुकी है. ये किताब अमेज़न पर भी उपलब्ध है.

Read more