1.
वो बेदर्दी से सर काटें ‘अमीर’ और मैं कहूँ उनसे,
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता
अमीर मीनाई
2.
चुप-चाप सुनती रहती है पहरों शब-ए-फ़िराक़
तस्वीर-ए-यार को है मिरी गुफ़्तुगू पसंद
दाग़ देहलवी
3.
आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ए’तिबार किया
गुलज़ार
4.
सोचो तो बड़ी चीज़ है तहज़ीब बदन की,
वर्ना ये फ़क़त आग बुझाने के लिए हैं
जाँ निसार अख़्तर
5.
मैं अपने ख़ूँ से जलाऊँगा रहगुज़र के चराग़,
ये कहकशाँ ये सितारे मुझे क़ुबूल नहीं
शकेब जलाली
6.
यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है,
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया
शकील बदायूँनी
7.
होगा किसी दीवार के साए में पड़ा ‘मीर’
क्या काम मोहब्बत से उस आराम-तलब को
मीर तक़ी मीर
8.
बिखेर दे मुझे चारों तरफ़ ख़लाओं में
कुछ इस तरह से अलग कर कि जुड़ न पाऊँ मैं
मुहम्मद अल्वी
9.
चोरी चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है
हसरत मोहानी
10.
इक बार जिसे चाट गई धूप की ख़्वाहिश,
फिर शाख़ पे उस फूल को खिलते नहीं देखा
परवीन शाकिर
[फ़ीचर्ड इमेज(फ़ोटो क्रेडिट): प्रियंका शर्मा]