मैं अब विदा लेता हूँ – पाश

Kamar Best Shayari Khushbu Shayari Ashu Mishra Shayari

Main Ab Vida Leta Hoon Paash अवतार सिंह संधू “पाश” का जन्म पंजाब के तलवंडी सलेम में हुआ था. वो पंजाबी भाषा के मशहूर कवि थे. मैं अब विदा लेता हूँ मेरी दोस्त, मैं अब विदा लेता हूँ मैंने एक कविता लिखनी चाही थी सारी उम्र जिसे तुम पढ़ती रह सकतीं उस कविता में महकते … Read more

विनोद कुमार शुक्ल की कविताएं

Vinod Kumar Shukla

Vinod Kumar Shukla Poems 1. हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था व्यक्ति को मैं नहीं जानता था हताशा को जानता था इसलिए मैं उस व्यक्ति के पास गया मैंने हाथ बढ़ाया मेरा हाथ पकड़कर वह खड़ा हुआ मुझे वह नहीं जानता था मेरे हाथ बढ़ाने को जानता था हम दोनों साथ चले दोनों एक … Read more

चोरी – गीत चतुर्वेदी

A Basket of Flowers – painting by Jan Brueghel the Younger

प्रेम इस तरह किया जाए कि प्रेम शब्द का कभी ज़िक्र तक न हो चूमा इस तरह जाए कि होंठ हमेशा ग़फ़लत में रहें तुमने चूमा या मेरे ही निचले होंठ ने औचक ऊपरी को छू लिया छुआ इस तरह जाए कि मीलों दूर तुम्हारी त्वचा पर हरे-हरे सपने उग आएँ तुम्हारी देह के छज्जे … Read more

अमृता प्रीतम की बेहतरीन कविताएँ

Amrita Pritam Hindi Poems

Amrita Pritam Hindi Poems एक मुलाक़ात मैं चुप शान्त और अडोल खड़ी थी सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……फिर समुन्द्र को ख़ुदा जाने क्या ख़याल आया उसने तूफ़ान की एक पोटली सी बांधी मेरे हाथों में थमाई और हंस कर कुछ दूर हो गया हैरान थी…. पर उसका चमत्कार ले लिया पता था कि … Read more

आलोकधन्वा की कविता – भागी हुई लड़कियाँ

Alok Dhanwa Bhagi Hui Ladkiyan

Alok Dhanwa Bhagi Hui Ladkiyan ~ आलोक धन्वा का जन्म 2 जुलाई 1948 ई० में मुंगेर (बिहार) में हुआ. धन्वा को हिन्दी के बड़े कवियों में शुमार किया जाता है. आलोक धन्वा को कविता के क्षेत्र में विशेष पहचान 70 के दशक में मिली. उनकी कविताओं का अंग्रेज़ी और रूसी भाषाओं में अनुवाद हुआ है. … Read more

ख़्वाब ~ परवीन शाकिर

Parveen Shakir Best Sher

परवीन शाकिर की नज़्म – ख़्वाब खुले पानियों में घिरी लड़कियाँ नर्म लहरों के छींटे उड़ाती हुई बात-बे-बात हँसती हुई अपने ख़्वाबों के शहज़ादों का तज़्किरा कर रही थीं जो ख़ामोश थीं उनकी आँखों में भी मुस्कुराहट की तहरीर थी उनके होंटों को भी अन-कहे ख़्वाब का ज़ाइक़ा चूमता था! आने वाले नए मौसमों के … Read more

बच्चों की कविताएँ

Baal Kavita Hindi

Baal Kavita Hindi इम्तिहान से छुट्टी पाई.. बौड़मजी ने इम्तिहान में, खूब अक्ल का जोर लगाया। अगली-बगली रहे झाँकते, फिर भी एक सवाल न आया।। गिनते रहे हॉल की कड़ियाँ, यों ही घंटे तीन बिताए। कोरी कापी वहीं छोड़कर, हँसी-खुशी वापस घर आए।। आकर खूब कबड्डी खेले, फिर यारों में गप्प लड़ाई। मौज-मजे से दिन … Read more

चाँद का मुँह टेढ़ा है ~ गजानन माधव मुक्तिबोध

Chand Ka Munh Tedha Hai Main Tum Logon Se Door Hoon Gajanan Madhav Muktibodh

Chand Ka Munh Tedha Hai ~ चाँद का मुँह टेढ़ा है ~ गजानन माधव मुक्तिबोध नगर के बीचों-बीच आधी रात—अँधेरे की काली स्याह शिलाओं से बनी हुई भीतों और अहातों के, काँच-टुकड़े जमे हुए ऊँचे-ऊँचे कंधों पर चाँदनी की फैली हुई सँवलाई झालरें। कारख़ाना—अहाते के उस पार धूम्र मुख चिमनियों के ऊँचे-ऊँचे उद्गार—चिह्नाकार—मीनार मीनारों के … Read more

मैं तुम लोगों से दूर हूँ ~ गजानन माधव मुक्तिबोध

Chand Ka Munh Tedha Hai Main Tum Logon Se Door Hoon Gajanan Madhav Muktibodh

Main Tum Logon Se Door Hoon ~ मैं तुम लोगों से दूर हूँ ~ गजानन माधव मुक्तिबोध मैं तुम लोगों से इतना दूर हूँ तुम्हारी प्रेरणाओं से मेरी प्रेरणा इतनी भिन्न है कि जो तुम्हारे लिए विष है, मेरे लिए अन्न है। मेरी असंग स्थिति में चलता-फिरता साथ है, अकेले में साहचर्य का हाथ है, … Read more