fbpx
Kamar Best Shayari Khushbu Shayari Ashu Mishra Shayari

Kamar Best Shayari

बुरा क्या है बाँधो अगर तेग़-ओ-ख़ंजर
मगर पहले अपनी कमर देख लेना

जलील मानिकपूरी

برا کیا ہے باندھو اگر تیغ و خنجر
مگر پہلے اپنی کمر دیکھ لینا

جلیل مانک پوری

_______

शेख़ इब्राहीम ज़ौक़ के बेहतरीन शेर….

ज़ुल्फ़ें सीना नाफ़ कमर
एक नदी में कितने भँवर

जाँ निसार अख़्तर

زلفیں سینہ ناف کمر
ایک ندی میں کتنے بھنور

جاں نثاراختر
_________

अहमद फ़राज़ के बेहतरीन शेर…

कमर-ए-यार है बारीकी से ग़ाएब हर चंद
मगर इतना तो कहूँगा कि वो मा’दूम नहीं

अकबर इलाहाबादी

کمر یار ہے باریکی ث غائب ہر چند
مگر اتنا تو کہوں گا کہ وہ معدوم نہیں

اکبر الہ آبادی

________

क़त्ल पर बीड़ा उठा कर तेग़ क्या बाँधोगे तुम
लो ख़बर अपनी दहन गुम है कमर मिलती नहीं

इमदाद अली बहर

قتل پر بیڑا اٹھا کر تیغ کیا باندھوگے تم
لو خبر اپنی دہن گم ہے کمر ملتی نہیں

امداد علی بحر
______

तुम्हारे लोग कहते हैं कमर है
कहाँ है किस तरह की है किधर है

आबरू शाह मुबारक

تمہارے لوگ کہتے ہیں کمر ہے
کہاں ہے کس طرح کی ہے کدھر ہے

آبرو شاہ مبارک
________

Kamar Best Shayari

आज फिर गर्दिश-ए-तक़दीर पे रोना आया – शकील बदायूँनी

दकनी शायर: बीजापुर और गोलकुंडा के दरबार की शायरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *