कोलुशा – मैक्सिम गोर्की

मैक्सिम गोर्की की कहानी – कोलुशा क़ब्रिस्तान का वह कोना, जहाँ भिखारी दफ़नाये जाते हैं। पत्तों से छितरे, बारिश से बहे और आँधियों से जर्जर क़ब्रों के ढूहों के बीच, दो मरियल-से बर्च वृक्षों के जालीदार साये में, जिघम के फटे-पुराने कपड़े पहने और सिर पर काली शॉल डाले एक स्त्री एक क़ब्र के पास … Read more

कफ़न- प्रेमचंद

झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों की रात थी, प्रकृति सन्नाटे … Read more

चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी- ‘उसने कहा था’

उसने कहा था – चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, … Read more

भिखारिन – रबीन्द्रनाथ टैगोर

Bhikharin Rabindranath Tagore – अन्धी प्रतिदिन मन्दिर के दरवाजे पर जाकर खड़ी होती, दर्शन करने वाले बाहर निकलते तो वह अपना हाथ फैला देती और नम्रता से कहती- “बाबूजी, अन्धी पर दया हो जाए” वह जानती थी कि मन्दिर में आने वाले सहृदय और श्रध्दालु हुआ करते हैं। उसका यह अनुमान असत्य न था। आने-जाने … Read more

रोज़ – अज्ञेय

Best Urdu Rubai Shaam Shayari Har Haqeeqat Majaz Ho Jaye Tagore ki Kahani Bhikharin Parveen Shakir Shayari

Agyeya Ki Kahani Roz लेखक – अज्ञेय ___________ दोपहरिए में उस घर के सूने आँगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा, मानो उस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही हो, उसके वातावरण में कुछ ऐसा अकथ्य, अस्पृश्य, किंतु फिर भी बोझिल और प्रकंपमय और घना-सा फैल रहा था…। मेरी आहट सुनते ही … Read more

दिनों की लाशें — अरग़वान रब्बही

Road in Etten - drawing by Vincent van Gogh

DinoN Ki LaasheN ~~ अरग़वान रब्बही ट्रेन की खिड़की से बाहर साथ-साथ चलते अंधेरों के बीच अंदर सोए लोगों की जागती नींदों की लोरियाँ मुझे भी सुलाने की कोशिश कर रही थीं, मगर मैं चाहकर भी सो नहीं सकता था क्योंकि मुझे अगले ही स्टेशन पर उतरना था… कुछ ही वक़्त में काले अंधेरे रास्ते … Read more

पहलवान की ढोलक – फणीश्वरनाथ रेणु

Pahalwan Ki Dholak लेखक – फणीश्वरनाथ रेणु (Phanishwar Nath Renu) ________________ जाड़े का दिन। अमावस्या की रात—ठंडी और काली। मलेरिया और हैज़े से पीड़ित गाँव भयार्त्त शिशु की तरह थर-थर काँप रहा था। पुरानी और उजड़ी बाँस-फूस की झोपड़ियों में अंधकार और सन्नाटे का सम्मिलित साम्राज्य! अँधेरा और निस्तब्धता! अँधेरी रात चुपचाप आँसू बहा रही … Read more

लू शुन की कहानी- साबुन की टिकिया

sabun ki tikiya

sabun ki tikiya श्रीमती किंग कमरे की उत्तर वाली खिड़की की ओर पीठ करके, सूरज की अन्तिम किरणों की रोशनी में पितर-पूजा में जलाने के लिए काग़ज़ के नोटों की तह कर रही थीं। उसकी आठ वर्ष की लड़की एलिगैंस (शोभा) भी उसका हाथ बंटा रही थी। इसी समय मोटे कपड़े के तले वाले वृत्तों … Read more

हिरोशिमा

Hindi Kahani Hiroshima

Hindi Kahani Hiroshima (यह कहानी साहित्य दुनिया टीम के सदस्य/ सदस्यों द्वारा लिखी गयी है और इस कहानी के सर्वाधिकार साहित्य दुनिया के पास सुरक्षित हैं। बिना अनुमति के कहानी के किसी भी अंश, भाग या कहानी को अन्यत्र प्रकाशित करना अवांछनीय है। ऐसा करने पर साहित्य दुनिया दोषी के ख़िलाफ़ आवश्यक क़दम उठाने के … Read more

नॉकर बॉय

लन्दन सन 1922 के क़रीब (नॉकर बॉय या नॉकर गर्ल की नौकरी तब थी जब अलार्म क्लॉक भरोसेमंद नहीं होते थे। इनका काम लोगों को नींद से जगाना था। खिड़की पर डंडा खटखटाकर ये तब तक जगाते जब तक कोई जाग न जाए।) — खिड़की पर ज़ोरदार आवाज़ हुई और उसकी नींद खुल गयी। कुछ … Read more