घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी “सौत” का अंतिम भाग

Famous Urdu Shayari Hum Maut Bhi Aaye to Masroor Nahin Hote

Hindi Kahani Saut (हिंदी साहित्य में मुंशी प्रेमचंद का अपना ही एक स्थान है। अपने ज़माने से आज तक वो पाठकों के हृदय में अपना स्थान बनाए हुए हैं। उनकी रचनाओं में जहाँ समाज, मानवीय गुण-दोषों का समावेश मिलता है, वहीं वो समकालीन ही लगती है। मुंशी प्रेमचंद के जन्मतिथि पर पढ़िए, उनकी लिखी कहानी … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी “सौत” का दूसरा भाग

Malikzada Manzoor Shayari Premchand Ki Kahani Saut

Premchand Ki Kahani Saut ~ (हिंदी साहित्य में मुंशी प्रेमचंद का अपना ही एक स्थान है। अपने ज़माने से आज तक वो पाठकों के हृदय में अपना स्थान बनाए हुए हैं। उनकी रचनाओं में जहाँ समाज, मानवीय गुण-दोषों का समावेश मिलता है, वहीं वो समकालीन ही लगती है। मुंशी प्रेमचंद के जन्मतिथि पर पढ़िए, उनकी … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी “सौत” का पहला भाग

Hindi Kahani Hairat Maryana Part 2 Urdu Mein Shabdon ka prayogUrdu Mein Shabdon ka prayog

Munshi Premchand Ki Kahani Saut ~ (हिंदी साहित्य में मुंशी प्रेमचंद का अपना ही एक स्थान है। अपने ज़माने से आज तक वो पाठकों के हृदय में अपना स्थान बनाए हुए हैं। उनकी रचनाओं में जहाँ समाज, मानवीय गुण-दोषों का समावेश मिलता है, वहीं वो समकालीन ही लगती है। मुंशी प्रेमचंद के जन्मतिथि पर पढ़िए, … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: चंद्रधर शर्मा गुलेरी की लिखी कहानी “सुखमय जीवन” का दूसरा भाग

Hindi Kahani Hairat Maryana Aur Kokster Majaz Shayari Hindi हिन्दी व्याकरण औ और ऑ हिन्दी व्याकरण ओ और औ Shayari Kaise Karte hain

Kahani Sukhmay Jivan ~ (हिंदी की पहली कहानी कौन-सी है? इस सवाल पर अलग-अलग जानकारों के अलग-अलग मत हैं..और उन मतों के अनुसार ही कुछ कहानियों को हिंदी की पहली कहानी माना जाता है। कुछ दिनों से आप “घनी कहानी छोटी शाखा” में पढ़ रहे हैं, ऐसी ही कुछ कहानियों को, जो मानी जाती हैं हिंदी की पहली कहानियों में से एक..इन दिनों आप पढ़ रहे हैं “चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’” की लिखी कहानी “सुखमय जीवन” ..आज पढ़िए दूसरा भाग) सुखमय जीवन- चंद्रधर शर्मा “गुलेरी” ~ Kahani Sukhmay Jivan घनी कहानी, छोटी शाखा: चंद्रधर शर्मा गुलेरी की लिखी कहानी “सुखमय जीवन” का पहला भाग भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा..अपने एल. एल. बी. … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: बंग महिला राजेंद्रबाला घोष की लिखी कहानी “दुलाईवाली” का पहला भाग

Ishq ki shayari Kaifi Azmi Shayari Hindi Noshi Gilani Shayari Qateel Shifai Daagh Dehlvi Hari Shankar Parsai Jaishankar Prasad Amrita Pritam Ki Kahani Vrahaspativar ka vrat ~ "बृहस्पतिवार का व्रत" Rajendra Bala Ghosh Ki Kahani Dulaiwali

(हिंदी की पहली कहानी कौन-सी है? इस सवाल पर अलग-अलग जानकारों के अलग-अलग मत हैं..और उन मतों के अनुसार ही कुछ कहानियों को हिंदी की पहली कहानी माना जाता है। कुछ दिनों से आप “घनी कहानी छोटी शाखा” में पढ़ रहे हैं, ऐसी ही कुछ कहानियों को, जो मानी जाती हैं हिंदी की पहली कहानियों में से एक..आज से पेश है “बंग महिला राजेंद्रबाला घोष” की लिखी कहानी “दुलाईवाली” ..आज पढ़िए पहला भाग) ~ Dulai Wali Bang Mahila Rajendra Bala Ghosh दुलाई वाली- बंग महिला राजेंद्र बाला घोष  (Dulai Wali Bang Mahila Rajendra Bala Ghosh) भाग-1 काशी जी के दशाश्वमेध घाट पर स्नान करके एक मनुष्य बड़ी व्यग्रता के साथ गोदौलिया की तरफ आ … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की लिखी कहानी “ग्राम” का अंतिम भाग

Subah Shayari Ghazal Zameen Shayari

(हिंदी की पहली कहानी कौन-सी है? इस सवाल पर अलग-अलग जानकारों के अलग-अलग मत हैं..और उन मतों के अनुसार ही कुछ कहानियों को हिंदी की पहली कहानी माना जाता है। कुछ दिनों से आप “घनी कहानी छोटी शाखा” में पढ़ रहे हैं, ऐसी ही कुछ कहानियों को, जो मानी जाती हैं हिंदी की पहली कहानियों में से एक..इन दिनों आप पढ़ रहे हैं “जयशंकर प्रसाद” की लिखी कहानी “ग्राम” ..आज दूसरा और अंतिम भाग ) ~ Hindi Ki Pahli Kahani Gram ग्राम- जयशंकर प्रसाद  घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की लिखी कहानी “ग्राम” का पहला भाग भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा। गाँव के स्टेशन पर मोहनलाल ट्रेन से … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: जयशंकर प्रसाद की लिखी कहानी “ग्राम” का पहला भाग

Ghazal Likhne Ka Tareeka ख और ख़ वाले शब्द ज और ज़ वाले शब्द

(हिंदी की पहली कहानी कौन-सी है? इस सवाल पर अलग-अलग जानकारों के अलग-अलग मत हैं..और उन मतों के अनुसार ही कुछ कहानियों को हिंदी की पहली कहानी माना जाता है। कुछ दिनों से आप “घनी कहानी छोटी शाखा” में पढ़ रहे हैं, ऐसी ही कुछ कहानियों को, जो मानी जाती हैं हिंदी की पहली कहानियों में से एक..आज से पेश है “जयशंकर प्रसाद” की लिखी कहानी “ग्राम” [Jai Shankar Prasad Ki Kahani Gram] ..आज पढ़िए पहला भाग) ग्राम- जयशंकर प्रसाद  भाग-1  टन! टन! टन! स्टेशन पर घण्टी बोली। श्रावण-मास की सन्ध्या भी कैसी मनोहारिणी होती है! मेघ-माला-विभूषित गगन की छाया सघन रसाल-कानन में पड़ रही है! अँधियारी धीरे-धीरे अपना अधिकार पूर्व-गगन में जमाती हुई, … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: राधिकारमण प्रसाद सिंह की लिखी कहानी “कानों में कँगना” का अंतिम भाग

Famous Urdu Shayari Hum Maut Bhi Aaye to Masroor Nahin Hote

Hindi Ki Pahli Kahani Kaanon mein kangana (हिंदी की पहली कहानी कौन-सी है? इस सवाल पर अलग-अलग जानकारों के अलग-अलग मत हैं और उन मतों के अनुसार ही कुछ कहानियों को हिंदी की पहली कहानी माना जाता है। कुछ दिनों से आप “घनी कहानी छोटी शाखा” में पढ़ रहे हैं, ऐसी ही कुछ कहानियों को, जो मानी जाती हैं हिंदी की पहली कहानियों में से एक..इन दिनों आप पढ़ रहे हैं “राधिकारमण प्रसाद सिंह” की लिखी कहानी “कानों में कँगना”..आज पढ़िए तीसरा और अंतिम भाग) कानों में कँगना-राधिकारमण प्रसाद सिंह  घनी कहानी, छोटी शाखा: राधिकारमण प्रसाद सिंह की लिखी कहानी “कानों में कँगना” का पहला भाग घनी कहानी, … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: राधिकारमण प्रसाद सिंह की लिखी कहानी “कानों में कँगना” का दूसरा भाग

Famous Urdu Shayari Hum Maut Bhi Aaye to Masroor Nahin Hote

(हिंदी की पहली कहानी कौन-सी है? इस सवाल पर अलग-अलग जानकारों के अलग-अलग मत हैं..और उन मतों के अनुसार ही कुछ कहानियों को हिंदी की पहली कहानी माना जाता है। कुछ दिनों से आप “घनी कहानी छोटी शाखा” में पढ़ रहे हैं, ऐसी ही कुछ कहानियों को, जो मानी जाती हैं हिंदी की पहली कहानियों … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: राधिकारमण प्रसाद सिंह की लिखी कहानी “कानों में कँगना” का पहला भाग

Famous Urdu Shayari Hum Maut Bhi Aaye to Masroor Nahin Hote

Radhikaraman Prasad Singh Kahani Kaanon mein kangana ~(हिंदी की पहली कहानी कौन-सी है? इस सवाल पर अलग-अलग जानकारों के अलग-अलग मत हैं..और उन मतों के अनुसार ही कुछ कहानियों को हिंदी की पहली कहानी माना जाता है। कुछ दिनों से आप “घनी कहानी छोटी शाखा” में पढ़ रहे हैं, ऐसी ही कुछ कहानियों को, जो मानी जाती हैं हिंदी की पहली कहानियों में से एक..आज से पेश है “राधिकारमण प्रसाद सिंह” की लिखी कहानी “कानों में कँगना”..आज पढ़िए पहला भाग) कानों में कँगना-राधिकारमण प्रसाद सिंह  भाग-1 “किरन! तुम्हारे कानों में क्या है?” उसने कानों से चंचल लट को हटाकर कहा – “कँगना” “अरे! कानों में कँगना?”-  सचमुच दो कंगन कानों को घेरकर बैठे थे। “हाँ, … Read more