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Urdu Shayari Mein Shabdon ka Prayog Jaleel aur Zaleel Urdu ke words Urdu Bhasha Ka Itihas Urdu Shayari Ke ShabdSahitya Duniya

Jaleel aur Zaleel
सागर(ساگر)
और साग़र (ساغر)
दो ऐसे लफ़्ज़ हैं जिनके उच्चारण में जो अंतर है वो यूँ तो साफ़ है लेकिन अक्सर लोग इसका उच्चारण ग़लत कर जाते हैं. कुछ लोगों को दोनों लफ़्ज़ों का अर्थ भी एक ही लगता है लेकिन दोनों लफ़्ज़ों के बोलने का तरीक़ा और अर्थ दोनों ही अलग-अलग हैं. सागर लफ़्ज़ का अर्थ है समुद्र जबकि साग़र का अर्थ है शराब का प्याला. दोनों लफ़्ज़ों को और समझने के लिए नीचे शे’र दिए जा रहे हैं.

सागर [वज़्न-22 (सा-2,गर-2)]

शकेब जलाली की ग़ज़ल का मत’ला देखिये-
“मौज-ए-ग़म इसलिए शायद नहीं गुज़री सर से,
मैं जो डूबा तो ना उभरूँगा कभी सागर से”

साग़र [वज़्न-22 (सा-2, ग़र-2)]

शकील बदायूँनी का मत’ला देखिये-
“कोई साग़र दिल को बहलाता नहीं,
बेख़ुदी में भी क़रार आता नहीं”

नोट- शकील बदायूँनी की इस ग़ज़ल को मुहम्मद रफ़ी ने फ़िल्म दिल दिया दर्द लिया में आवाज़ दी है जिसका संगीत नौशाद ने दिया था.

…………..

जलील(جلیل) और ज़लील (ذلیل) दो ऐसे लफ़्ज़ हैं कि अगर बोलने में थोड़ी सी ग़लती हो जाए तो अर्थ क्या से क्या हो जाए. जलील शब्द (ज के नीचे बिंदी नहीं है) का अर्थ होता है महान जबकि ज़लील (ज के नीचे बिंदी है) का अर्थ होता है अपमानित. दोनों शब्दों के अंतर में ज़मीन और आसमान का फ़र्क़ है. इस लिहाज़ से इनका इस्तेमाल करते वक़्त इस बात का ध्यान देना ख़ास ज़रूरी है कि आप जलील बोल रहे हैं या ज़लील. Jaleel aur Zaleel

जलील [वज़्न- 121(ज-1,ली-2,ल-1)]

इक़बाल की नज़्म मस्जिद ए क़ुर्तुबा से दो मिसरे..
“तेरा जलाल ओ जमाल मर्द-ए-ख़ुदा की दलील
वो भी जलील ओ जमील तू भी जलील ओ जमील”

ज़लील [वज़्न- 121(ज़-1,ली-2,ल-1)]

अहमद मुश्ताक़ का शे’र देखिये-
“अहल-ए-हवस तो ख़ैर हवस में हुए ज़लील,
वो भी हुए ख़राब, मुहब्बत जिन्होंने की”

* फ़ोटो क्रेडिट (फ़ीचर्ड इमेज)- नेहा शर्मा

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